नीतीश मणिपुर में नहीं बचा पाये आपरेशन लोटस

नीतीश मणिपुर में नहीं बचा पाये आपरेशन लोटस

नीतीश कुमार ने बिहार में भले ही आपरेशन लोकटस बचा लिया लेकिन मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड के पांच विधायकों के भाजपा में शामिल होने से नहीं रोक पाये। जेडीयू के नेता राजीव रंजन ललन सिंह ने बिहार के बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी से कहा है कि, आपको स्मरण कराना चाहते हैं कि अरुणाचल और मणिपुर दोनों जगह जेडीयू ने बीजेपी को हराकर सीटें जीती थीं। इसलिए जेडीयू से मुक्ति का दिवास्वप्न मत देखिए। अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ था, वह आपके गठबंधन धर्म के पालन के कारण हुआ था? राजीव रंजन सिंह ने सुशील मोदी से कहा है कि... और मणिपुर में एक बार फिर बीजेपी का नैतिक आचरण सबके सामने है। आपको तो याद होगा 2015 में प्रधानमंत्री जी ने 42 सभाएं कीं, तब जाकर 53 सीट ही जीत पाए थे। 2024 में देश जुमलेबाजों से मुक्त होगा। इंतजार कीजिए। इससे पहले सुशील मोदी ने ट्वीट किया था कि, अरुणांचल के बाद मणिपुर भी जेडीयू मुक्त। बहुत जल्द लालूजी बिहार को भी श्रक्न् मुक्त कर देंगे। पत्रकारों से बात करते हुए ललन सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली और झारखंड जैसे विपक्ष द्वारा शासित राज्यों में केंद्र की कार्रवाई 2024 को लेकर बीजेपी के डर और हताशा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि, उन्होंने महाराष्ट्र और एमपी में जो किया, वह दिल्ली में करने की कोशिश कर रहे हैं और झारखंड में ऐसा ही करने से अब देश भर में परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा हाल की कार्रवाई का जिक्र किया, जिसे राजनीतिक प्रतिशोध का तरीका बताया जा रहा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार में भी ऐसा हो सकता है, उन्होंने कहा कि राज्य की हर नस में राजनीति है और यहां कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा, ष्वे हमारी पार्टी में एक एजेंट के जरिए ऐसा करने की कोशिश कर रहे थे, कुछ नहीं हुआ।ष्

ललन सिंह ने मणिपुर में जेडीयू के विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि यह धन बल के आधार पर सब हुआ। बिहार में जेडीयू के नौ साल में दूसरी बार बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के हफ्तों बाद, मणिपुर में उसके छह में से पांच विधायक शुक्रवार को सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो गए। चूंकि पाला बदलने वाले विधायकों की संख्या कुल के दो तिहाई से अधिक थी, इसलिए उनके क्रॉसिंग ओवर को वैध माना गया।

मणिपुर में शुक्रवार को जेडीयू के 6 में से 5 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। जेडीयू के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मणिपुर में जेडीयू के विधायकों ने पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने का फैसला बीते दिनों बिहार में हुए राजनीतिक घटनाक्रम को ध्यान में रखकर किया है। सूत्रों के अनुसार ये विधायक बिहार में पार्टी के एनडीए गठबंधन से बाहर आने के फैसले से नाराज चल रहे थे। खास बात ये है कि मणिपुर में जेडीयू के विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला नीतीश कुमार के उस ऐलान के बाद किया है जिसमें उन्होंने मणिपुर में बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही थी।

नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने कुछ दिन पहले मणिपुर में बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही थी। हालांकि बीजेपी सूत्रों ने कहा था कि इससे बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है। वर्तमान में 60 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 55 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसमें जेडीयू के सात सदस्य शामिल हैं। यहां अगर पार्टी समर्थन वापस ले भी लेती है, तो सत्तारूढ़ गठबंधन में विधायकों की संख्या 48 होगी, जो बहुमत का आंकड़ा 31 से काफी अधिक है। कहा जा रहा था कि पार्टी की मणिपुर इकाई की जेडीयू के राष्ट्रीय नेताओं के साथ आगामी 3-4 सितंबर को पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। मणिपुर में इस साल की शुरुआत में हुआ विधानसभा चुनाव बीजेपी और जेडीयू ने गठबंधन करके नहीं लड़ा था। चुनावों के बाद जेडीयू के विधायकों ने बीरेन सिंह सरकार को समर्थन दिया था, क्योंकि पार्टी एनडीए का हिस्सा थी।
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