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शी जिनपिंग को अपदस्थ करने की अफवाहें

शी जिनपिंग को अपदस्थ करने की अफवाहें

चीन में तख्तापलट हुआ है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नजरबंद किया गया है और उन्हें पीपुल लिबरेशन आर्मी के पद से हटा दिया गया है? यह अफवाहें गत दिनों इंटरनेट पर छाई रहीं। हजारों लोग न केवल इस बारे में पढ़ रहे थे, बल्कि प्रतिक्रिया भी दे रहे थे। इतना ही नहीं, ट्विटर पर भी रुब्ीपदमब्वनच ट्रैंड कर रहा था। कई असत्यापित लोग दावा कर रहे थे कि चीन में सेना ने तख्तापलट कर दिया है। इस तख्तापलट की कथित रूप से योजना तब बनाई गई, जब शी जिनपिंग एससीओ समिट के लिए समरकंद में थे। बताया जा रहा है कि यह अफवाह तब उड़ी जब चीन के पूर्व उप-सुरक्षा अधिकारी सुन लिजुन को भ्रष्टाचार के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, इस सजा को टाल दिया गया। जैसे ही इन खबरों ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ा, वैसे ही लोग यह भी पता लगाने लगे कि इन खबरों में आखिर कितनी सच्चाई है। इस खबर की पुष्टि न तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया कर रहा था और न ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से कोई बयान जारी हुआ था। इनके अलावा चीन के बारे में जानने वालों और विशेषज्ञों ने इन खबरों को सिरे से नकार दिया। उनका कहना था कि इस बारे में कोई सबूत नहीं है कि चीन में तख्तापलट हुआ है और राष्ट्रपित शी जिनपिंग को नजरबंद किया गया है। सवाल यह है कि आखिर यह अफवाहें उड़ीं कैसे? दरअसल, 24 सितम्बर को जब लोगों ने सोशल मीडिया देखा तो वे चैंक गए। कई असत्यापित लोगों ने सोशल मीडिया पर यह बात शेयर करनी शुरू कर दी कि चीन में तख्तापलट हो गया है।
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