राम मंदिर ही नहीं, अयोध्या भी भव्य
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
अयोध्या मंे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अभी हाल मंे हुई बैठक मंे यह संकेत दिया गया है कि मंदिर मंे कब श्रीरामलला विराजमान होंगे। इसी के साथ अयोध्या की सड़कों को भी चैड़ा किया जा रहा है। आधारशिला रखने के बाद दो साल मंे लगभग 40 फीसद कार्य पूर्ण हुआ है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार के सामने सिर्फ मंदिर ही नहीं, पूरी अयोध्या फोकस पर है। अरबों की लागत से दिव्य और भव्य अयोध्या का स्वरूप सन् 2029 तक ही सामने आएगा। इस बीच लोकसभा के दो चुनाव सम्पन्न हो जाएंगे। अयोध्या मंे दीपोत्सव और सावन झूले के कार्यक्रम प्रतिवर्ष नए रूप में दिखाई पड़ेंगे।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मंदिर निर्माण के लिए गठित संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 11 सितम्बर को यह जानकारी दी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए ट्रस्ट ने अयोध्या में रविवार को हुई लंबी बैठक के बाद ट्रस्ट के नियम और कायदों को अनुमोदन दिया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि फैजाबाद सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य प्रमुख रूप से शामिल थे। राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और इसके दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का अनुमान है। मंदिर में जनवरी 2024 (मकर संक्राति) तक भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है। अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के साथ ही राम जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र को भी विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। योगी सरकार लगभग 9 अरब रुपये की लागत से जन्मभूमि तक सुगम पहुंच के लिए सड़कों को चैड़ी, सुंदर और सुविधायुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए पहली किश्त के रूप में 107 करोड़ रुपये शासन की ओर से जारी भी कर दिए गए हैं। यह कार्य करने वाली संस्था लोक निर्माण विभाग को तय समय में काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से अयोध्या में श्रीराम मंदिर तक पहुंचने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत तीन मार्गों के निर्माण, चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए शासन की ओर से 899.90 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसकी प्रथम किश्त के रूप में 107 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। अपर मुख्य सचिव धर्मार्थ कार्य अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सहादतगंज-नया घाट मार्ग के किलोमीटर 11 से सुग्रीव किला होते हुए श्रीराम जन्मभूमि तक की कुल 0.566 किमी की लंबाई की सड़क के 4 लेन निर्माण की योजना है। इसके लिए कुल 39.43 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। इसमें से 3 करोड़ 90 लाख 88 हजार रुपये जारी किए गए हैं।
इसके अलावा फैजाबाद-अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमान गढ़ी होते हुए जन्मभूमि तक के मार्ग निर्माण और भूमि, भवन के क्रय व पुनर्वास के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है। अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके लिए 62.78 करोड़ रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है। इसमें से 3 करोड़ 10 लाख 83 हजार रुपये जारी कर दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव धर्मार्थ कार्य ने बताया कि सहादतगंज से नया घाट मार्ग के मेन स्पाइन रोड, जिसकी लंबाई तकरीबन 12.940 किलोमीटर है, के निर्माण की कुल लागत 7 अरब 97 करोड़ 69 लाख रुपये होगी। इसमें से पहली किश्त के रूप में एक अरब रुपये की वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है।
अवनीश अवस्थी ने यह भी बताया कि कार्य के मानक व गुणवत्ता की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित जिलाधिकारी की भी होगी। सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। योगी सरकार ने अयोध्या के रामकथा संग्रहालय को पूरी तरह से डिजिटलाइज करने का फैसला किया है। संग्रहालय में डिजिटल माध्यम से आम लोगों को अयोध्या और श्री रामचरित मानस के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। अगले माह रामकथा संग्रहालय में डिजिटल इंटरवेंशन की योजना का लोकार्पण किया जा सकता है। पर्यटन विभाग की ओर से डिजिटल इंटरवेंशन योजना को तैयार करने में लगभग 1384.17 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। रामकथा संग्रहालय में 40 मिनट तक शो चलाया जाएगा। एक बार में 100 से ज्यादा लोग इस शो को देख सकेंगे। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि रामकथा संग्रहालय के चार हाल राजकीय निर्माण निगम द्वारा बनवाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने के दो साल बाद साइट इंजीनियरों ने बताया है कि 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और मंदिर की पहली मंजिल 2024 तक तैयार हो जाएगी। इसी समय इसके श्रद्धालुओं के लिए खुल जाने की उम्मीद है। ये समय का राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2024 में आम चुनाव होने हैं। राम मंदिर के निर्माण के लिए लोग 12-14 घंटे काम कर रहे हैं। अयोध्या कैंट से लेकर राम की पैड़ी तक जहां दीपोत्सव कार्यक्रम होता है, वो रोड चैड़ा हो रहा है, इसे चार लेन बनाया जाएगा। रामजन्मभूमि की ओर से जो रास्ता आ रहा ये भी तोड़कर चैड़ा किया जा रहा। सरकार सिर्फ मंदिर ही नहीं पूरे अयोध्या पर फोकस कर रही है कि पर्यटक आएंगे तो कहां रुकेंगे। 2029 दिव्य और भव्य अयोध्या का स्वरूप सामने आएगा जितना पैसा खर्च हो रहा है, वह धरातल पर 2024 के चुनाव के पास दिखेगा कि अयोध्या बदल रही है और आगे और भी बदलनी है।अयोध्या में वल्र्ड क्लास सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन की सौगात जल्द अयोध्यावासियों को मिलने जा रही है। दो सौ करोड़ की लागत से तैयार अयोध्या का रेलवे स्टेशन दिसंबर तक तैयार होने जा रहा है।
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