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'सैल्यूट' तिरंगा गीत

'सैल्यूट' तिरंगा गीत

'सैल्यूट' करें तिरंगे को
यह गौरवचिह्न हमारा है।
भारत का मान भरा इसमें
यह प्राणों से भी प्यारा है।


आजादी का है परवाना
मातृभूमि का यह सिंगार।
वीरों का है शौर्य भरा--
भारतमाता कहे पुकार।


इसकी तीन छटाएँ फैलीं
इसका भाल सँवारा है।
शांतिपथिक है देश हमारा
यह सौभाग्य हमारा है।


रतन उगलती धरा हमारी
विश्वपटल पर शोभित है।
गाँधी और टैगोर यहीं हैं
दुनिया जिन पर मोहित है।


उन्नत हिमगिरि शान यहाँ
पावन गंगा की धारा है।
हरे-भरे वन खुशियों के संग
तीनलोक में न्यारा है।


नतमस्तक हैं इस झंडे पर
बल-पौरुष स्वीकारा है।
इसकी शान बढाएंगे हम
ये 'सैल्यूट' हमारा है।


रचयिता--राधामोहन मिश्र माधव
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