चाल्र्स के किंग बनते ही परीक्षा
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद उनके बेटे चार्ल्स किंग बने हैं, लेकिन किंग बनते ही उनके सामने कई चुनौतियां हैं जिनसे निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा। दरअसल, तीन देश काफी समय से ब्रिटिश राजशाही से मुक्ति पाने की तैयारी में थे, लेकिन अब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद वहां अलग होने की मांग और जोर पकड़ रहा है।जो देश राजशाही से अलग होना चाहते हैं उनमें ऑस्ट्रेलिया, एंटीगा-बरबूडा और जमैका शामिल हैं। तीनों ही देशों में वर्ष 2025 में जनमत संग्रह होने वाला है। इसमें यहां के लोग इस बात पर वोट करेंगे कि उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहना है या नहीं।माना जा रहा है कि तीनों ही देश राजशाही से बाहर आना चाहते हैं। बेशक चार्ल्स अभी राजा बन गए हों लेकिन उन्हें आधिकारिक रूप से कोरोनेशन यानी ताजपोशी के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, यह प्रक्रिया लंबी होती है।क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय को भी इसके लिए करीब 16 महीने का इंतजार करना पड़ा था।वह फरवरी 1952 में पिता के निधन के बाद महारानी तो बन गईं थीं, लेकिन उनकी ताजपोशी जून 1953 में हुई थी।
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