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हेट स्पीच पर अदालती अंकुश

हेट स्पीच पर अदालती अंकुश

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
एक मदरसे से चोरी हुई किताबें पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी से बरामद हुई थीं। उन पर जमीन घोटाले का भी आरोप लगा था। आजमखान अपनी भड़काऊ बयान बाजी के लिए कुख्यात हैं। उन्होंने एक बार (दिसम्बर 2015) भारत माता के लिए डायन शब्द का प्रयोग किया था। बीते समय 2019 में जब लोकसभा के चुनाव हो रहे थे तब मोहम्मद आजम खान ने यह कहकर मुसलमानों को हिंसा करने के लिये उकसाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसा माहौल बना दिया जिससे मुसलमान इस देश में नहीं रह सकते। इसी प्रकार के आरोप उत्तर प्रदेश की नौकरशाही पर भी लगाया गया था। चुनाव आयोग ने मोहम्मद आजम खान के इस भाषण को संज्ञान में लिया और मामला अदालत तक चला गया। स्थानीय अदालत ने मोहम्मद आजम खान को तीन साल के कैद की सजा सुनाई है। इस सजा के चलते मोहम्मद आजम खान की विधायकी भी जा सकती है। आजमखान अपनी गलती को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और एक तरह से अदालत पर भी पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं। वह कहते हैं कि ‘मुझे यह मालूम था। मैं यहां न्याय पाने के लिए आया था। सवाल यह भी है कि क्या वे यह कहना चाहते हैं कि अदालत से उन्हें न्याय नहीं मिला। अप्रत्यक्ष रूप से वह इसे राजनीतिक प्रतिशोध मान रहे हैं। हेट स्पीच बढ़ती जा रही है और शीर्ष अदालत तक इस पर सख्त चेतावनी दे चुकी है। इसके लिए सिर्फ क्षमा मांगना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि ऐसी सजा की जरूरत है कि जिसका संदेश पूरे समाज तक पहुंचे। इसलिए अब जो भी हेट स्पीच दे रहा है उसे इसी तरह की सजा दी जाए। राजनीति को भद्र बनाना है तो इस तरह के कड़े फैसले स्वागत योग्य हैं।

उत्तर प्रदेश के रामपुर कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन्हें 25 हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा। सजा मिलने के बाद आजम खान ने कहा था कि यह अधिकतम सजा है। मैं इंसाफ की लड़ाई लड़ते रहूंगा। वर्ष 2019 में 7 अप्रैल को चुनाव के दौरान आजम खान ने तहसील मिलक में भाषण दिया था। अपनी चुनावी सभा में भाषण देते हुए रामपुर में तैनात कई प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके इस भाषण पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने कार्यवाही की थी और चुनाव आयोग की वीडियो टीम के इंचार्ज द्वारा एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आजम खान पर भड़काऊ भाषण देने और नफरत फैलाने जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हुआ था। समाजवादी नेता आजम खान ने प्रधानमंत्री मोदी पर देश में ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया था, जिसमें मुसलमानों का रहना मुश्किल हो गया था। इस समय आजम खान रामपुर शहर विधानसभा से विधायक हैं।, नियम के मुताबिक जब किसी भी विधायक को दो साल से अधिक जेल की सजा सुनाई जाती है, तो उनकी विधायकी चली जाती है। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद आजम खान को मई में जेल से रिहा किया गया था। जमीन हड़पने के एक मामले में वह करीब दो साल जेल में रह चुके हैं। जमानत पाने के लिए आजम खान ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार उनके खिलाफ लगातार मामले दर्ज कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह जेल में रहें। आजम खान पर भ्रष्टाचार और चोरी सहित लगभग 90 मामले दर्ज हैं। ये मामले 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद दर्ज हुए हैं। आजम खान को दोषी ठहराए जाने के एक हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नफरत भरे भाषणों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था। कोर्ट ने चेतावनी दी कि एक्शन लेने में कोई भी देरी अदालत की अवमानना होगी।

भड़काऊ बयान देना आजम खान की राजनीति बन गया है। दिसम्बर मंे यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर आजम खान ने विवादित बयान दिया। एक समारोह में उन्होंने कहा कि कानपुर से मुझ पर आरोप लगा था कि मैंने भारत मां को डायन कहा है। मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं कि जो मां अपने बच्चों के खून की प्यासी है, वो मां नहीं हो सकती। कुछ नेताओं ने भारत, गंगा और राम को अपना बना लिया। इन्होंने इसे सभी का नहीं बनने दिया। आजम ने बुलेट ट्रेन डील पर निशाना साधा और कहा कि श्पीएम के लिए नेताजी मेरा नाम आगे बढ़ाएंगे। लाजपत भवन में एक प्रोग्राम में खान ने कहा, कल मैं टूटी पटरी के कारण 6 घंटे तक ट्रेन में फंसा रहा। भारत सरकार ने बुलेट ट्रेन के लिए जापान से डील की है, लेकिन यहां तो न पटरियों की मरम्मत हो पा रही है और न कोई सुविधाएं मिल रही हैं। असल में जापान का एक शख्स पूरे देश के कपड़े उतार ले गया।

आजम ने कहा, मैंने कभी भगवान के बारे में कोई अपशब्द नहीं कहा। कुछ गलत नहीं किया तो फिर लोग क्यों हमारे पैगंबर मोहम्मद साहब को अपशब्द कहते हैं। अगर उन्हें कोई शिकायत है तो मुझसे आकर कहें। हिंदुस्तान इस्लाम से नहीं संविधान से चल रहा है। इसके बावजूद हमें पिल्ला और कुत्ता कहा जाता है। मुझे दाऊद से भी ज्यादा खतरनाक बताया जाता है, लेकिन पीएम का नाम दुनिया के टॉप-10 क्रिमिनल्स में है।

आजम खान के लिए विवादित बयान देना कोई नई बात नहीं है। वह अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में भी आजम खान से अपनी प्रतिद्वंधी अभिनेत्री जया प्रदा को लेकर बहुत ही अशोभनीय बयान दिया था। आजम ने एक रैली में कहा था कि जया प्रदा खाकी रंग का अंडरवियर पहनती हैं जिसके लिए उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। और राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था। इससे पहले आजम ने बुलंदशहर रेप केस पर भी एक विवादित टिप्पणी की थी जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने आजम को फटकार लगायी थी। बुलंदशहर रेप केस को लेकर आजम ने कहा था कि यह किसी राजनीतिक पार्टी का कांड लगता है। सत्ता की लोभी पार्टियां किसी भी हद तक जा सकती हैं। बदायूं में एक सभा को संबोधित करते हुए महिलाओं को लेकर बहुत गंदी बात बोली थी। उन्होंने कहा था कि गरीब घर की महिलाएं यार के साथ नहीं जा सकती इसलिए वह बच्चे ज्यादा पैदा करती हैं। उनके इस बयान के बाद भी उनकी खूब आलोचना हुई थी। उन्होंने 2013 में कारगिल युद्ध को लेकर कहा था कि कारगिल पर देश को फतह मुस्लिम जवानों ने दिलायी थी। उनमें हिंदू शामिल नहीं थे। उनके इस बयान की भी काफी आलोचना हुई थी मगर वह अपनी बात पर ही अड़े रहे।
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