सरदार वल्लभभाई पटेल
भारत वर्ष की एकता और अखंडता के प्रतीक थे,
आवाज़ जैसे सिंह की दहाड़ ग़रीबों के सरदार थे।
दुश्मनों के लिए ज़लज़ला तो कभी यह तूफ़ान थे,
भारत भूमि के लाल और देश के वह वफादार थे।।
देश के पहले गृहमंत्री एवं पहले उप प्रधानमंत्री थे,
बहादुर और साहस दिखाने वालें एक ये पटेल थे।
कठिन परिस्थितियों से निपट ले ऐसे वें विवेकी थे,
लौहपुरुष कहलाएं सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।।
देश में कोई भूखा ना रहें यें वचन हमेशा कहते थे,
सब देशों से अच्छा अनाज उत्पादक हो कहते थे।
दुश्मन चाहें गर्म हो जाये यें ठंडाई से काम लेते थे,
बिना-झगड़े बात बनें तो क्यों झगड़े यह कहते थे।।
अपनी ही लगन से काबिल वकील बनें वें आप थे,
कानूनी-अध्य्यन के खातिर इंग्लैंड गये वें आप थे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ-नेता भी आप थे,
स्वतंत्रता संग्राम के वक्त प्रमुख व्यक्ति वें आप थे।।
३१ अक्टूबर १८७५ में नडियाद बाम्बे जो जन्में थे,
बचपन नाम वल्लभभाई कुशाग्र बुद्धि के आप थे।
झावेर भाई और लाडबा पटेल की चौथी संतान थे,
पाटीदार समुदाय के मध्यमवर्गीय घर के आप थे।।
रचनाकार
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थानरचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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