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गुजरात में गौरव का पथ

गुजरात में गौरव का पथ

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित न करने का एक कारण डिफेन्स एक्सपो भी बताया जा रहा है। यह रक्षा मेला वहां शुरू हो चुका है लेकिन औपचारिक रूप से 19 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी राजकोट में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करंेगे। चुनाव आयोग अगर हिमाचल प्रदेश में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीख भी घोषित कर देता तो 14 अक्टूबर से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती। ऐसे हालात में परियोजनाओं का शिलान्यास संभव नहीं होता। रक्षा सचिव डा. अजय कुमार के अनुसार इस डिफेन्स एक्सपो में लगभग 400 एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे और सवा लाख करोड़ का निवेश गुजरात में होगा। इसलिए डिफेन्स एक्सपो से राज्य व राष्ट्र को लाभ मिलेगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए यह एक नयी उपलब्धि भी होगी। कांग्रेस के एक नेता भाजपा की जगह आम आदमी पार्टी पर निशान साध रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी तो भाजपा की बी टीम है।
गुजरात में चुनावों के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 और 20 अक्टूबर को गुजरात के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी 19 अक्टूबर को गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करेंगे। डिफेंस एक्सपो 18 से 22 अक्टूबर तक आयोजित हो रही है। पीएम मोदी 19 अक्टूबर को सुबह 09.45 बजे गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करेंगे। दोपहर 12 बजे मिशन स्कूल ऑफ एक्सेलेंस की शुरुआत करेंगे। पीएम इसके बाद जूनागढ़ जाएंगे। वहां कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वह राजकोट में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे। इसी प्रकार 20 अक्टूबर को पीएम केवड़िया में मिशन लाइफ का शुभारंभ करेंगे। वयारा में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार के अनुसार, ‘‘डिफेंस एक्सपो का यह 12वां संस्करण देश में सबसे बड़ा होगा। इसका विषय ‘पाथ टू प्राइड’ (गौरव का पथ) होगा। यह रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा। ‘‘इस डिफेंस एक्सपो का पैमाना देश में इस तरह के किसी भी पिछले आयोजन से बड़ा होगा। एक्सपो के दौरान अब तक 400 एमओयू को हस्ताक्षर करने के लिए अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिससे 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। यह निवेश प्रतिबद्धता और एमओयू संख्या पिछले एक्सपो में हुए समझौतों से दोगुने हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात की कंपनियां 33 एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगी, जिससे राज्य में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है। एक्सपो में 1,320 से अधिक रक्षा कंपनियां भाग लेंगी, जो एक लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 1,028 कंपनियों ने पिछले रक्षा एक्सपो में हिस्सा लिया था, जबकि वर्तमान संस्करण में 25 देशों के रक्षा मंत्री और 75 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
कुमार ने कहा, ‘‘तीन चीजें एक्सपो की मुख्य विशेषताएं होंगी। एचएएल द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित ट्रेनर विमान एक्सपो में पहली बार प्रदर्शित किया जाएगा। गुजरात के दीसा में नव विकसित हवाई अड्डे का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया जाएगा और रक्षा उत्पादन के लिए 75 चुनौतियां स्टार्ट-अप और उद्योगों के लिए खोली जाएंगी। अतिरिक्त सचिव (रक्षा उत्पादन) संजय जाजू ने कहा कि भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में आयोजित की जाएगी जिसमें 50 से अधिक अफ्रीकी देशों की भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि अलग से हिंद महासागर क्षेत्र प्लस (आईओआऱ) सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 40 देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
रक्षा के ़क्षेत्र में स्वदेशीकरण की ओर मार्च 2018 में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित करने का निर्णय लिया गया। उत्तर प्रदेश कॉरिडोर का उद्देश्य रक्षा विनिर्माण का समर्थन करने के लिये किया गया। दोनों औद्योगिक गलियारे रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों में से एक हैं। हाल ही में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (डीआरडीओ) ने झाँसी में शिलान्यास समारोह के साथ शुरुआत की है। इस क्षेत्र में ब्रह्मोस एक प्रमुख निवेश है जो विशेष टाइटेनियम और मिश्र धातुओं आदि में लखनऊ में निजी क्षेत्र निवेश के जरिए आएगा। भारतीय रक्षा निर्माताओं ने दोनों राज्य सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। पिछले पाँच वर्षों में भारत सरकार ने प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के साथ 200 से अधिक रक्षा अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसका मूल्य लगभग 4 ट्रिलियन रुपए है।
भारत में दुनिया के शीर्ष 100 सबसे बड़े हथियार उत्पादकों में से चार कंपनियाँ (भारतीय आयुध कारखाने, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड हैं। ये सभी चार कंपनियाँ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हैं और घरेलू आयुध मांग के बड़े हिस्से को पूरा करने के लिये जिम्मेदार हैं।
रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 को आत्मनिर्भरता और निर्यात के लिये देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं पर एक केंद्रित, संरचित और महत्त्व बल प्रदान करने के लिये एक व्यापक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में परिकल्पित किया गया है। निजी उद्योग को सशक्त बनाने के लिये फोकस करने के साथ इसमें प्रगतिशील परिवर्तन हुए हैं।
मेक इन इंडिया एक रणनीतिक साझेदारी मॉडल भारतीय कंपनियों को विदेशी ओईएम के साथ सहयोग करने और प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण प्राप्त करने, भारत में निर्माण और भारत में उन परियोजनाओं को बनाए रखने की क्षमता प्राप्त करने की अनुमति देता है। रक्षा मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेवा मुख्यालय उद्योग को संभालने सहित सभी आवश्यक कदम उठाएँगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सूची में उल्लिखित समय-सीमा पूरी हो।
भारत आज स्टार्टअप्स का दूसरा सबसे बड़ा हब है जिसका मतलब है कि इनोवेशन यानी नए विचार मेक इन इंडिया की प्रक्रियाओं को तेज करेगा और लागत को कम करेगा और इससे पूरी दुनिया में भारत प्रतिस्पर्द्धी बनेगा। नौसेना स्वदेशीकरण नवाचार संगठन ने पिछले एक साल में रक्षा उत्पादन के लिये 30 पेटेंट दायर किये हैं। यह उद्योग को विकसित करने और दुनिया में प्रतिस्पद्र्धी होने तथा वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पहल करने पर बल देगा। इसका उद्देश्य भारत को एक रक्षा उत्पादन केंद्र बनाना है और यदि भारत को भारतीय सुरक्षा क्षेत्र में शुद्ध सुरक्षा प्रदाता बनना है तो इन पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिये। डिफेन्स एक्सपो इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।
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