अभिलाषा
बरसे नेह धरा पर अविरल उपजे मोती प्रेम भरे।
मंद मंद बहारें प्यारी हो सारे हरियाली से वन हरे।
मेरे मन की अभिलाषा प्यारा स्वप्न सच हो जाए।
जीवन के संघर्षों से सत्य सदा सफलता पाए।
आलोकित उजियारे से जोत ज्ञान की जलती।
सद्भावो की बहती धारा हृदय कामना हो पलती।
मेरे मन की यह अभिलाषा नर मानवता अपनाए।
दिल में प्रेम घटाएं उमड़े खुशियों की बारिश आए।
प्यारी मुस्कान होठों पे झलके विश्वास चेहरों पे।
मुश्किल चाहे आंधी तूफां डिग ना पाये लहरों से।
मेरे मन की यह अभिलाषा सावन बरसे प्रेम भरा।
खुशहाली जग में छा जाए झूम के गाए पुण्य धरा।
रमाकांत सोनी नवलगढ़जिला झुंझुनू राजस्थान
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com