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महाबली पराक्रमी रावण

महाबली पराक्रमी रावण 

दसो दिशा में देवलोक तक दशानन करता राज। 
स्वर्ण नगरी सोने की लंका लंकेश रावण महाराज। 

महा पराक्रमी बलशाली योद्धा गुणी पंडित वो सुरज्ञान। 
कला कौशल सिद्धियां पाकर हुआ शक्ति का अभिमान। 

इंद्रजीत अतुलित बल योद्धा रावण सुवन सुकुमार।
भ्राता कुंभकरण बलशाली वैभवशाली भरा दरबार।

चारों वेदों का ज्ञाता रावण शिवभक्त साधक आराधक। 
रामेश्वरम पूजा करवाई यजमान रामजी वो शिवभक्त। 

सूर्पनखा की नाक कटी रावण ने सबकुछ जान लिया। 
श्रीराम मेरे तारणहारे खुद नारायण ने अवतार लिया। 

बैर बांध लिया रावण ने हरकर सीता जनक दुलारी। 
राम रावण युद्ध हुआ भयंकर मरवा दी सेना भारी।

कुल कुटुंब भव पार किया सीधा बैकुंठ सिधार लिया। 
नैनो सन्मुख हरि दर्शन खुद नारायण ने उद्धार किया।

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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