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भाईचारा

भाईचारा

सद्भावों की बहती धारा हो भाई भाई में प्यार।

खुशियों की बरसात में बहे प्रेम सुधारस धार।


विपत्ति काल में काम आए लखन सरीखा भाई।
बलराम कृष्ण की सी जोड़ी जग में ना मिल पाई।


एकता की डोर निराली घर-घर में रहे खुशहाली।
भाईचारा प्रेम उमड़ता घट घट में रहती हरियाली।


खुशियों से आंगन महके अपनतव अनमोल मिले।
भाई भाई में प्रेम सलोना मधुरम मीठे बोल मिले।


भाइयों के प्रेम सूत्र में परिवार संगठित रहता है।
संतानों में गुणों का संस्कारों का पोषण होता है।


भाई की तकलीफ देख भाई की आत्मा जलती है।
भाई की भुजा भाई हो प्रेम की भावना पलती है।


भाई भाई में मनमुटाव मतभेद कभी हो सकता है।
जहां प्रेम गंगा बहती रिश्ता अटूट हो सकता है।


बंधुत्व भाव से पल्लवित राष्ट्र उन्नति शिखर चले।
घर में भाईचारा हो तो घर विकास की ओर चले।


रमाकांत सोनी सुदर्शननवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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