प्रेरणा के साथ प्रतिभा का विकास
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
हम अच्छी और बुरी बातें सबसे पहले अपने घर और परिवार से ही सीखते हैं। बचपन में बोलना, खाना-पीना हमको परिवार ही सिखाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पहली प्रेरणा परिवार से ही मिलती है। इसके बाद हमें घर से बाहर सीखने को मिलता है। युगों पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए अयोध्या का राजमहल छोड़कर वनवास करने निकल पड़े थे। भगवान राम का सम्पूर्ण चरित्र ही प्रेरणास्पद है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 15 अक्टूबर को लखनऊ में 12वीं राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी यूफिलेक्स-2022 का उदघाटन किया। इसके तहत सीएम योगी ने श्री राम वन गमन पथ के विशेष आवरण का विमोचन किया। उन्होंने इस विशेष कवर की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत की समृद्धि, संस्कृति और विरासत के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश का अहम योगदान है। श्री राम वन गमन पथ के गांव-नगर आज भी अनुकरणीय हैं। इन सभी स्थलों का योगी की सरकार विकास कर रही है ताकि पर्यटन स्थल के रूप में देखने के लिए लोग पहुंचे और भगवान राम की पद रज को नमन कर सकें। इसी प्रकार योगी आदित्यनाथ प्रतिभा को विकसित होने का भरपूर अवसर देना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी भाषी राज्य है। मेडिकल शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होने से यहां के युवा पिछड जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सभी भाषाओं को बढ़ावा देने का अभियान चलाया है। योगी आदित्य नाथ ने इसी के तहत यूपी में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी कराने की व्यवस्था की है। मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य होगा जहां पर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में होगी। किताबों का हिंदी में ट्रांसलेशन का काम पूरा होने के बाद अब इसको लागू भी किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य होगा जहां पर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी भाषा में होगी। किताबों का हिंदी में ट्रांसलेशन का काम पूरा होने के बाद अब इसको लागू भी किया जा रहा है। प्रतिभा विकास की दिशा में यह कदम सराहनीय माना जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ सरकार अंग्रेजी भाषा में कुछ कमजोर मेडिकल तथा इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कालेज संचालित करने में लगी प्रदेश सरकार ने आधा से अधिक लक्ष्य प्राप्त भी कर लिया है, जबकि एक दर्जन से अधिक में निर्माण कार्य जारी है। अब सरकार ने मेडिकल तथा इंजीनियरिंग के छात्र व छात्राओं को हिंदी भाषा में पठन-पाठन की व्यवस्था की है। नरेन्द्र मोदी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का फैसला किया है। इसके लिए तीन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कराया गया है, जिसका विमोचन गृह मंत्री अमित शाह ने गत दिनों भोपाल में किया था। अब बारी उत्तर प्रदेश की है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जहां यह व्यवस्था लागू की गई है। अब इस सूची में उत्तर प्रदेश भी शामिल हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डाक टिकट श्री राम वन गमन पथ के विशेष आवरण का विमोचन किया। उन्होंने इस विशेष कवर की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत की समृद्धि, संस्कृति और विरासत के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश का अहम योगदान है। उन्होंने कहा, सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान राम वनगमन को यूपी के प्रमुख 14 क्षेत्रों को स्पेशल कवर के माध्यम से देखने का अवसर प्राप्त हुआ है. जो यूपी के 14 स्थानों अयोध्या, तमसा नदी तट, सूर्य कुण्ड (सभी अयोध्या), सीता कुण्ड (सुल्तानपुर), देव घाट (प्रतापगढ़), श्रृंगवेरपुर, राम जोईटा, महर्षि भारद्वाज आश्रम, अक्षयवट (सभी प्रयागराज), सीता पहाड़ी, वाल्मीकि आश्रम, कामदगिरि, रामशैय्या, रामघाट (सभी चित्रकूट) से संबंधित हैं। श्रृंगवेरपुर में अयोध्या के राजकुमार निम्न जाति के समझे जाने वाले निषाद राज को गले लगाते हैं। सवर्णों और अनुसूचित जाति के बीच भेदभाव को दूर करने का प्रथम प्रयास वनवास जाते समय श्री राम ने ही किया था। यह प्रेरणा हमें श्रृंगवेरपुर में आज भी मिलती है। इसी प्रकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जब कहा कि पाप से घृणा करो पापी से नहीं तो यह प्रेरणा भी गांधी जी को राम के चरित्र से ही मिली थी। चित्रकूट में प्रभु श्रीराम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ निवास करते हैं तब वहां रहने वाले कोल भील किरात आदिवासी दुर्वृत्ति त्याग कर सद्वृत्ति अपना लेते हैं । भरत जी जब अयोध्यावासियों के साथ चित्रकूट गये तब कोल, भील और किरातों ने यह कहा भी था-
यह हमारि अति बड़ि सेवकाई
लेहिं न बासन वसन चोराई
जब ते प्रभु पद कमल निहारे
मिटे सुरूह दुख दोष हमारे
चित्रकूट में आज भी रामकथा और उसका प्रभाव दिखाई पड़ता है।
योगी आदित्य नाथ ने विशेष कवर की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत की समृद्धि, संस्कृति और विरासत के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश का अहम योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा, यह संग्रह तो है ही, अतीत को जोड़ने के साथ ज्ञानवर्धन और मनोरंजन का माध्यम भी बन रहा है. यह पुराना संग्रह उस समय की तकनीक के बारे में नजदीक से जोड़ने और उस समय पैसे की क्या कीमत थी, इस पर भी ध्यान आकर्षित करता है। भगवान राम के वनगमन की बात करें तो 12 वर्ष भगवान ने यूपी में व्यतीत किए। चित्रकूट इसका साक्षी है। स्वाभाविक रूप से यह काफी जानकारी देता है। उस समय साधन नहीं थे। आज साधन हैं तो एक-एक स्थल उस समय के गवाह हैं कि भगवान किन रास्तों से वन गए थे और उस समय के समाज को सभ्य बनने के लिए सुरक्षित माहौल देने का कार्य भी किया था। सीएम योगी ने कहा प्रदर्शनी में 300 प्रकार के फ्रेम लगे हैं। उद्घाटन के दौरान आजादी के बाद से लगातार अब तक अलग-अलग समय में कौन से डाक टिकट और स्पेशल कवर जारी हुए हैं, यह देखने का मौका मिला है। देश और प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से परिचय कराने में डाक टिकटों का महत्वपूर्ण स्थान है। युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों के लिए डाक टिकट संग्रह एक शौक के साथ-साथ ज्ञानवर्धन का भी बेहतर माध्यम है। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम तमाम उतार-चढ़ाव के बाद भी डाक विभाग जारी रखे हुए है, जो प्रशंसनीय और प्रेरक है।
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