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धर्मनिरपेक्ष भारत में धर्म के आधार पर चल रही ‘हलाल प्रमाणपत्र’ व्‍यवस्‍था तत्‍काल बंद की जाए ! - हिन्‍दुत्‍वनिष्ठों की प्रधानमंत्री मोदी जी से मांग

वाराणसी में हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन !

धर्मनिरपेक्ष भारत में धर्म के आधार पर चल रही ‘हलाल प्रमाणपत्र’ व्‍यवस्‍था तत्‍काल बंद की जाए ! - हिन्‍दुत्‍वनिष्ठों की प्रधानमंत्री मोदी जी से मांग

वाराणसी - वर्तमान में भारतीय मुसलमानों द्वारा प्रत्‍येक पदार्थ, वस्‍तु इस्‍लाम के अनुसार वैध अर्थात ‘हलाल’ होने की मांग की जा रही है । इसके लिए व्‍यापारियों को आवश्‍यकता न होते हुए भी प्रत्‍येक उत्‍पादन के लिए ५० से ६० सहस्र रुपये देकर ‘जमियत-उलेमा-ए-हिंद’ जैसे मुसलमान संगठन द्वारा ‘हलाल प्रमाणपत्र लेना पडता है । भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के अंतर्गत ‘खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ (FSSAI), साथ ही प्रत्‍येक राज्‍य के स्‍वतंत्र ‘खाद्य और औषधि प्रशासन’ विभाग (FDA) होते हुए भी ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने की अनुमति निजी इस्‍लामिक धार्मिक संस्‍थाआें को क्‍यों दी गई है ? इस हलाल अर्थव्‍यवस्‍था ने भारत की अर्थव्‍यवस्‍था जितना अर्थात २ ट्रिलीयन डॉलर्स का स्‍तर भी पार किया है । राष्‍ट्र के लिए गंभीर संकट निर्माण करने वाले इस संकट के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु हिन्‍दू जनजागृति समिति ने जिलाधिकारी के माध्‍यम से प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी को निवेदन दिया गया । इस समय अधिवक्‍ता अरुण कुमार मौर्य, अधिवक्‍ता अनिल चौरसिया नागवंशी, अधिवक्‍ता प्रियंका पाण्‍डेय, अधिवक्‍ता अवनीश रॉय, अधिवक्‍ता बृजेश कुमार मिश्रा, अधिवक्‍ता सत्‍येंद्र तिवारी, अधिवक्‍ता कमल कांत त्रिपाठी, अधिवक्ता बृजेश कुमार मिश्रा, अधिवक्‍ता सत्‍येंद्र तिवारी, अधिवक्‍ता कमला कांत त्रिपाठी, हिन्‍दू जनजागृति समिति के श्री. राजन केसरी, श्री. प्रेम प्रकाश कुमार तथा अन्‍य उपस्‍थित थे ।

भारत में हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले संगठनों में से ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ यह एक मुख्‍य संगठन है । कुछ मास पूर्व इस संगठन के बंगाल के अध्‍यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी ने ‘नागरिकत्‍व सुधारणा कानून’ के विरोध में ‘केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को विमानतल से बाहर नहीं निकलने देंगे’, ऐसी धमकी दी थी । इसी संगठन ने घोषित किया कि उत्तरप्रदेश के हिन्‍दू नेता कमलेश तिवारी के हत्‍या प्रकरण में आरोपियों की ओर से अभियोग लडेंगे । इस संगठन ने ७/११ का मुंबई रेल्‍वे बमविस्‍फोट, वर्ष २००६ का मालेगांव बमविस्‍फोट, पुणे का जर्मन बेकरी बमविस्‍फोट, २६/११ के मुंबई आक्रमण, मुंबई के जावेरी बाजार में शृखंला बमविस्‍फोट, देहली की जामा मस्‍जिद विस्‍फोट, कर्णावती (अहमदाबाद) शहर के विस्‍फोट ऐसे अनेक आतंकवादी घटनाओं के मुसलमान आरोपियों के लिए कानूनी सहायता उपलब्‍ध करवाई है । ऐसे कुल ७०० लोगों के अभियोग जमियत लड रही है । इससे स्‍पष्‍ट होता है कि हलाल निधि का उपयोग आतंकवाद के आरोपियों की सहायता करने के लिए किया जा रहा है ।

इस समय निम्‍न मांगे की गईं :
१. केवल धर्म के आधार पर निर्मित ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर भारत में प्रतिबंध लगाया जाए ।
२. जिन निजी प्रतिष्‍ठानों को ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने की अनुमति मिली है, उन सभी की अनुमति तत्‍काल निरस्‍त हो ।
३. ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ देनेवाली संस्‍थाआें की राष्‍ट्रीय सुरक्षा की दृष्‍टि से सीबीआई द्वारा विस्‍तृत जांच की जाए ।


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