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आ रहीं हैं सबकी लक्ष्मी माता

आ रहीं हैं सबकी लक्ष्मी माता

आ रहीं हैं सबकी लक्ष्मी माता,
आपके गाँव, शहर, घर-द्वार,
सजा के रखना पूजा की थाली,
सजा के रखना धर- संसार।
आ रहीं हैं सबकी...।


कुमकुम,रोडी रखना थाली में,
रखना लाल फूलों का हार,
ओढ़ाना माँ को लाल चुनरिया,
बहाना प्रेम-भक्ति की बयार।
आ रही हैं सबकी...।


माँ लक्ष्मी को नारियल हैं भाते,
भक्तजन लड्डू,फल भी चढ़ाते,
करती हैं सवारी माँ उल्लू की,
देती सबको धन-दौलत बेशुमार।
आ रही हैं सबकी...।


रहना प्रेम से घर-समाज में,
रखना सबसे प्रेम-सरोकार,
बचा के रखना जग में भाईचारा,
करना सबसे प्यार।
आ रही हैं सबकी...।

करती हैं माता सबसे प्रेम,
मानती पुरे जगत को परिवार,
करता जो भक्तिभाव से पूजा,
बरसती माँ की कृपा अपार।
आ रही हैं सबकी...।
------0------ अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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