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सजना है मुझे सजना के लिए

सजना है मुझे सजना के लिए

सजना है मुझे सजना के लिए 

दिल सजनी का झूम झूम गाने लगा 
ओढ़ ली चुनरिया गोरे गालों पे 
चांद भी थोड़ा सा शर्माने लगा

दुल्हन बनी फिर बहु श्रृंगार किया 
पिया से मिलन को पुकार लिया
मनमीत मेरे दिलबर ओ जाने मन 
दिलो जान से ज्यादा प्यार किया

हसीं ख्वाब तू मेरा है महताब तू 
प्यार की हर नजाकत अंदाज़ तू  
प्रित के प्यारे मोती पिरोये देखो 
बरसे सावन सुहाना तुम्हें थाम लूं 

प्यार की गलियों में हलचल सी हुई 
मन का मधुबन जरा महकने लगा 
सजना है मुझे सजना के लिए 
गौरी मनोभाव यूं कहने लगा

सजना है मुझे सजना के लिए 
तराना लबों पे मधुर आने लगा 
चांद निकला आज निखरकर जरा 
दिल से प्रियतम हमको लुभाने लगा

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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