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सुक्खू ने कबूली सच्चाई

सुक्खू ने कबूली सच्चाई

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
राजनीति का झूठ से चोली-दामन जैसा रिश्ता है। यह उनकी मजबूरी भी हो सकती है। उनके समर्थक चाहते हैं कि नेता जी सभी काम करवा दें लेकिन नेताजी की अपनी सीमाएं हैं और नाराज किसी को नहीं करना है तो झूठ बोलना ही पड़ेगा। इसी तरह पार्टी और सरकार बनने पर मंत्री व मुख्यमंत्री बनने की इच्छा किसकी नहीं होती लेकिन बड़का नेता नाराज न हो जाए, इसलिए लोग खुलकर अपनी बात नहीं कहते हैं। विधानसभा अथवा लोकसभा का टिकट पाने के लिए भी समर्थकों से टेम्पो हाई करवाना पड़ता है। ऐसे माहौल में कोई नेता साफ-साफ अपना इरादा बता दे तो कम से कम इसके लिए तो उसकी तारीफ करनी ही चाहिए। इसी वर्ष गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को लग रहा है कि इस बार भाजपा से सत्ता छीन ली ाएगी, हालांकि उसके बड़े-बड़े नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं। कांग्रेस के प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू कहते हैं कि चुनाव में जीते तो मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा। हिमाचल में मुख्यमंत्री के चेहरों की सूची में सुखविन्दर सिंह सुक्खू का नाम है।

हिमाचल प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनावों की घोषणा होगी लेकिन इससे पहले ही भावी उम्मीदवारों के लिए खींचतान चल रही है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग शुक्रवार यानी 7 अक्तूबर को दिल्ली में होने जा रही है। मीटिंग से एक दिन पहले कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू ने अहम बयान दिया है। कांग्रेस की तरफ से सीएम पद के लिए रेस में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने दिलचस्प जवाब दिया। हालांकि, सीधे तौर पर नहीं कहा कि वह सीएम का चेहरा हैं, लेकिन इंकार भी नहीं किया। सुक्खू ने कहा कि जल्दी ही लिस्ट कांग्रेस पार्टी की बाकी बची 28 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। उसके बाद पहली सूची की घोषणा कर देंगे। सुक्खू ने कहा कि हमने सोचा कांग्रेस कमेटी की बैठक में लिस्ट आ जाएगी, लेकिन किन कारणों से देरी हुई है, इस बारे में मैं राजेश शुक्ला जी से बात करूंगा। बता दें कि 2 अक्तूबर को कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग हुई थी। सुक्खू ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की है, उन्होंने आरोप लगाए कि टिकट खरीदे-बेचे जाते हैं। कांग्रेस में 22 तो विधायक हैं, हम क्यों खरीद पर बात करेंगे। यह लोग अफवाह फैला रहे हैं। हर्ष महाजन चुनाव नहीं लड़ते थे, वह संगठन का काम करते थे। कांग्रेस में बीजेपी के भी लोग भी आए हैं और अभी और भी लोग आएंगे। हमने कहा है कि जिस को शामिल होना है, वह जल्दी आए और जिसको जाना है, पार्टी से वह जल्दी जाए। वहीं, सुक्खू ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की है, उन्होंने आरोप लगाए कि टिकट खरीदे-बेचे जाते हैं। मुख्यमंत्री के चेहरों की लिस्ट में सुखविंदर सुक्खू का भी नाम है, इस सवाल पर सुक्खू ने कहा कि मैं रेस में नहीं हूं। मैं छात्र जीवन से राजनीति में हूं। जब हमारी 40 सीट से ज्यादा आएंगी, तब आप मुझसे सवाल पूछेंगे तो मैं कहूंगा कि मैं रेस में हूं।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में सदर से विधायक अनिल शर्मा के फिर से भाजपा में ही बने रहने से राजनीतिक उठा पटक शुरू हो गई है। इसी के चलते सदर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कमेटी को भंग कर दिया और करीब 80 कार्यकर्ताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सदर कांग्रेस कमेटी के पूर्व में रहे पदाधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी पर उनके काम के बदले उनके साथ धोखा करने का आरोप लगाया। मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के सदर ब्लाक अध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि पार्टी की ओर से बिना किसी नोटिस के लोगों को पदों से हटाया जा रहा है जो कि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा का उपचुनाव हुआ तो हर सदर के कार्यकर्ता ने हर बूथ में जाकर कांग्रेस के प्रत्याशियों की जीत के लिये दिन रात कार्य किया, लेकिन पार्टी ने उन्हें सम्मानित करने के बजाय अपमानित किया। उन्होंने रोष जताते हुये कहा कि बीते कुछ समय से कांग्रेस पार्टी को छोड़ कर बहुत से विधायक, कार्यकर्ता और नेता जा रहे हैं, जिससे हमें लगता है कि इस पार्टी न तो कोई दशा है न ही कोई दिशा।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को एक झटका तब लगा जब हमीपुर से पूर्व सांसद सुरेश चन्देल भाजपा में शामिल हो गए। जब वह सांसद बने थे तो भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ा था। सुरेश ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भेज दिया है। सुरेश चंदेल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए हैं। वह कांग्रेस की कार्यशैली से खुश नहीं थे।

कांग्रेस पार्टी में पिछले तीन साल से कोई भी अहम जिम्मेदारी नहीं दिए जाने पर सुरेश चंदेल कांग्रेस पार्टी से अंदरखाने नाराज चल रहे थे। इस बीच चर्चा चली थी कि वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं लेकिन सभी चर्चाओं को विराम लगाते हुए सुरेश चंदेल ने घर वापसी की है। सुरेश चंदेल हमीरपुर से तीन बार सांसद रह चुके हैं। अनुराग ठाकुर से पहले वह इस सीट से चुनाव लड़ते थे। सुरेश चंदेल हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुरेश चंदेल के खिलाफ लोकसभा में प्रश्न पूछने के एवज में पैसे लेने के आरोप भी लगे थे। उस समय वह भाजपा की तरफ से हमीरपुर संसदीय सीट से सांसद थे और इन आरोपों के कारण उन्हें संसद से बर्खास्त किया गया था। अब तक मामला अदालत में है और इस मामलें में जल्द फैसला भी आ सकता है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मंडी के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के टिकट के लिए दो बड़े चेहरों ने एक साथ चलने का ऐलान किया है। यह दो बड़े चेहरे हैं सरकाघाट से भाजपा के मौजूदा विधायक कर्नल इंद्र सिंह और थौना वार्ड से जिला परिषद के सदस्य चंद्रमोहन शर्मा। हालांकि, दोनों के बीच पहले से ही बेहतर तालमेल है, लेकिन टिकट को लेकर अब दोनों से एक-दूसरे की कटाक्ष करके दूरियां बनाने से बेहतर साथ चलने का निर्णय लिया है। इस प्रकार हिमाचल में भाजपा के अंदर भी उठापटक है लेकिन कांग्रेस में भगदड़ मच गयी है।
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