चन्द्रग्रहण
मार्कण्डेय शारदेय
इस बार कार्तिक-पूर्णिमा, दिनांक 08.11.2022 (मंगलवार) को चन्द्रग्रहण हो रहा है।यह ग्रस्तोदित ग्रहण है।अर्थात्; चन्द्रमा का उदय ग्रहण में ही होगा।यों तो यह अपराह्ण 3.46 से ही प्रारम्भ हो जाएगा, पर हमारे देश में चन्द्रोदय का मानक समय सायं 5.09 है।इस कारण यहीं से सूतक आदि का विचार किया जाएगा।चूँकि इसका मोक्षकाल (ग्रहण-समाप्ति का समय) सायं 6.19 है।इसलिए 1.10 मिनट का यह ग्रहण होगा।
शास्त्रों के अनुसार ग्रहणकाल में प्रतिमा का स्पर्श एवं पूजन नहीं किया जाता।फिर भी तान्त्रिक अनुष्ठान एवं तान्त्रिकी दीक्षा वर्जित नहीं हैं।यों भी मानस जप, पूजा, पाठ मना नहीं हैं।हाँ; चन्द्र-ग्रहण में नौ घंटे पूर्व से सूतक लग जाता है।ऐसे में सुबह 8.09 तक स्नान, सन्ध्योपासन, पूजा-पाठ, दान, व्रत-समाप्ति आदि सम्पन्न कर लेने होंगे।पुनश्च; कार्तिक-पूर्णिमा को देव-दीपावली भी मानाई जाती है।इसलिए ग्रहण की समाप्ति के बाद; यानी सायं 6.19 के बाद स्नान, दान, कार्तिकेय के दर्शन एवं दीपोत्सव व त्रिपुरासुरों पर विजयोत्सव भी मनाया जाएगा।ध्यातव्य है कि ग्रहणकाल एवं मोक्षकाल दो बार स्नान शास्त्रों द्वारा निर्धारित है।दोनों स्नान और दोनों में दान आवश्यक हैं।बिना स्नान-दान के शुद्धि नहीं मानी गई है।यों तो रात्रिकाल में (सूर्यास्त के बाद से) स्नान सदा वर्जित है, इस समय के स्नान को आसुर स्नान कहा गया है।परन्तु; ग्रहण एवं कन्यादान के बाद रात्रिकालीन स्नान उत्तम व पुण्य माना गया है।
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