उम्र छियासठ बीत गयी
उम्र छियासठ बीत गयी, अब सडसठ की बात है,
पहले जैसी ही अब भी, शरद पुर्णिमा की रात है।
तन्हाई में तुमसे मिलना, छिप छिप कर बातें करना,
कहाँ कहीं कुछ भूला हूँ, याद पहली मुलाक़ात है।
नहीं पता थी प्यार की बातें, नहीं इश्क़ का ककहरा,
देख तुम्हें कुछ होता था, वो धड़कन आज भी साथ है।
एक झलक पाने को दोनों, नित रोज़ बहाने गढ़ते थे,
कभी बदलना कॉपी पुस्तक, आज तलक सब याद है।
नहीं कहा मैंने तुमसे कुछ, न ही तुम कुछ कह पायी थी,
सिमट गये जो पल तन्हाई में, आज भी तेरी सौग़ात है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com