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क्रिसमस नहीं मनाएंगे

क्रिसमस नहीं मनाएंगे

ऋचा श्रावणी
हम हिन्दू हैं, वृक्ष हमारे लिए पूजनीय
तुलसी मां की जयंती और विवाह रचाएंगे
लेकिन क्रिसमस नहीं मनाएंगे।


घर घर में तुलसी मां को पहुंचा कर
उनके गुण बच्चों को बताकर, सृष्टि को बचाएंगे
लेकिन क्रिसमस नहीं मनाएंगे।


पंडित मदन मोहन मालवीय जो हमें
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वरदान दिए
उनके संघर्ष की गाथा सुनाएंगे
लेकिन क्रिसमस नहीं मनाएंगे।


जो जन जन को प्यारा, जिस पर मेरा मन हारा
जिनकी हाजिर जवाबी पड़े विपक्ष पर भारी
हमारे पूजनीय श्री अटल बिहारी
उनकी कविताएं और दूरदृष्टि सबको सुनाएंगे
लेकिन क्रिसमस नहीं मनाएंगे।


हम हर धर्म की की इज्जत करते हैं, हर धर्म ग्रंथ की आगे नतमस्तक है
अगर हम पर कुदृष्टि डाले , तब चुप नहीं बठेंगे
जहा हमारे मंदिर छुए
तुम्हारे धर्म स्थल को जलाएंगेलेकिन क्रिसमस नहीं मनाएंगे।
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