गुजरात महाभारत के दो ब्यास नाराज
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
गुजरात के चुनावी महाभारत में दो व्यासों की नाराजगी क्या असर दिखाएगी, यह तो 8 दिसम्बर को ही पता चलेगा लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए दो व्यासों की नाराजगी बड़ा झटका मानी जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हिमांशु व्यास को सैम पित्रोदा का करीबी माना जाता है। उन्हांेने नेतृत्व और संगठन में तालमेल न होने का आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को भेज दिया है। हिमांशु व्यास ने भाजपा में शामिल होने का संकेत भी दिया है। हिमांशु सुरेन्द्र नगर की वडवान सीट से दो बार चुनाव लड़े लेकिन एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई। भाजपा उनके बारे में क्या फैसला लेती है, यह बाद में पता चलेगा। उधर, भाजपा के दिग्गज नेता माने जाने वाले जयनारायण व्यास ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जयनारायण व्यास सिद्धपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार बनना चाहते थे। कुछ दिन पहले ही उनकी मुलाकात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई थी। व्यास ने तब दावा किया था कि वह एक पुस्तक नर्मदा नदी को लेकर लिख रहे हैं, उसी संदर्भ में गहलोत से मिले थे लेकिन अब पता चला कि बैठकों की सियासत होती है। जयनारायण व्यास सिद्धपुर सीट से ही चुनाव लड़ंेगे और इसके लिए कांग्रेस अथवा आम आदमी पार्टी में से किसी का भी दामन थाम सकते हैं।
गुजरात में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के अनुभवी नेता जयनारायण व्यास ने बीजेपी छोड़ दी। जय नारायण व्यास ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। व्यास, सिद्धपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। गुजरात की 182 सीटों वाली विधानसभा का चुनाव दो चरणों में होगा। पहले चरण के तहत 1 दिसंबर और दूसरे चरण के तहत 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे।
गुजरात में वर्तमान में कुल 4.90 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.53 करोड़ पुरुष, 2.37 करोड़ महिला और 1,417 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। 3.24 लाख नए वोटर हैं। मतदान के लिए कुल 51,782 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, 182 मॉडल पोलिंग स्टेशन होंगे। 50 फीसदी मतदान केंद्रों का लाइव प्रसारण किया जाएगा। 33 पोलिंग बूथों पर युवा पोलिंग टीम होगी। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। गुजरात में कुल 182 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 92 है। 182 में से 13 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित हैं, तथा 27 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखी गई हैं। बीजेपी किसी भी पार्टी विधायक या सांसद के रिश्तेदार को टिकट नहीं देगी। राज्य बीजेपी संसदीय बोर्ड ने यह फैसला लिया है। भरूच के बीजेपी सांसद मनसुख वसावा की बेटी ने टिकट मांगा था, लेकिन बीजेपी ने स्पष्ट किया कि किसी भी सांसद या विधायक के रिश्तेदार को विधानसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा। खुद मनसुख वसावा ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वसावा ने कहा कि वे पार्टी के फैसले का स्वागत करते हैं। पार्टी जिसे भी टिकट देगी, वे उसकी जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे। इस बीच, गुजरात में टिकट तय करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में राज्य चुनाव समिति की तीन बैठकें हो चुकी हैं।
उधर, गुजरात कांग्रेस सचिव हिमांशु व्यास ने भी पार्टी के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सुरेंद्रनगर की वडवान सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हिमांशु व्यास को दोनों बार भाजपा प्रत्याशी ने हरा दिया था। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद हिमांशु व्यास ने पार्टी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस में हमें अहमियत नहीं दी जाती और न ही हमारी बात सुनी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में राहुल गांधी से काफी कम लोग मिल पाते हैं। उनसे मुलाकात करना मुश्किल काम है।हिमांशु व्यास ने कहा गुजरात में एक बार फिर भाजपा की ही सरकार होगी। आम आदमी पार्टी के आने से कांग्रेस नुकसान में है। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले हिमांशु व्यास ने यह भी कहा कि पूरे समर्पण के साथ काम करने के बावजूद पार्टी में महत्व नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशों में देश मजबूत स्थिति बनाई है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बीते दिनों उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी थी। कांग्रेस की ओर से जारी 43 उम्मीदवारों की लिस्ट में अंजर, गांधीधाम, दीसा, खेरालु, कादी हिमम्मत नगर समेत कई अहम सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया। कांग्रेस पार्टी ने अंजर विधानसभा सीट के लिए रमेशभाई एस डंगर, गांधीधाम के लिए भरत वी सोलंकी, दीसा के लिए संजयभाई गोवाभाई राबरी, खेरलु सीट के लिए मुकेशभाई एम देसाई, कादी सीट पर परमार प्रवीणभाई को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, हिम्मतनगर विधानसभा सीट के लिए कमलेशकुमार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, राजकोट साउथ से हितेशभाई एम वोरा, राजकोट रूरल से सुरेशभाई कर्शणभाई भथवार को उम्मीदवार बनाया है। जामनगर नॉर्थ से भिपेंद्रसिह चतुरसिंह जड़ेजा को मैदान में उतारा है जबकि पोरबंदर सीट से अर्जुन मोढवाडिया को उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही, अकोटा से ऋत्विक जोशी, रावपुरा से संजय पटेल और गांधीधाम से भरत वी. सोलंकी को टिकट दिया गया है।
माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करेगी और पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अलावा आक्रामक तरीके से मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मुकाबला करेगी। भाजपा ने 1995 से लेकर लगातार छह बार चुनावी जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव में तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर थी लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में है। इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है। बीजेपी के लिए कांग्रेस ही नहीं बल्कि आप भी चुनौती बन सकती है। ये चुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश के बड़े नेता हैं और दोनों ही गुजरात से आते हैं। बीजेपी और कांग्रेस के बीच की लड़ाई में आम आदमी पार्टी पूरे दम के साथ इस चुनाव में उतरी है। पंजाब की जीत से गदगद आम आदमी पार्टी गुजरात में अच्छा रेस्पॉन्स मिलने की उम्मीद कर रही है। गुजरात के चुनाव में कौन सी पार्टी जीतेगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा। इस जीत का असर साल 2024 में होने वाले आम चुनाव पर भी देखने को मिलेगा।
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