जनता के द्वार-धामी सरकार
(मोहिता-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रियों को जिलों में प्रवास करके जनता की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करने और सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है। विधानसभा स्तर पर भी मंत्रियों के कार्यक्रम होंगे। इस प्रकार पुष्कर सिंह धामी की सरकार अब जनता के द्वार पर जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय पिछले दिनों राज्य के दौरे पर आये थे और उन्होंने यह सुझाव दिया था। इस पर धामी सरकार ने अमल किया है। राज्य की कुछ समस्याएं भौगोलिक स्तर की हैं। इसके चलते युवाओं का पलायन होता है। इसको रोकने के लिए धामी सरकार ने सीमित साधनों में ही विकास कार्य के साथ रोजगार के अवसर पैदा करने का प्रयास किया है। केन्द्र सरकार की योजनाओं से भी जनता को आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। इन सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंच रहा है। यही देखने के लिए मंत्रियों को जनपद प्रवास का निर्देश दिया गया है। धामी सरकार इस बात पर भी नजर रखेगी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राज्य के 60 लाख लोगों को पौष्टिक पदार्थ सस्ते दाम पर उपलब्ध हो सकें। खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने इस योजना के लिए अफसरों के साथ विचार-विमर्श भी किया है। इसके तहत आयोडीन नमक, खाद्य तेल और पौष्टिक खाद्य पदार्थ राशन कार्ड धारकों को रियायती मूल्य पर दिये जाएंगे।
बीते दिनों उत्तराखंड के दौरे पर आए राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने सरकार और संगठन के साथ बैठक कर मंत्रियों को जिलों में भेजने के निर्देश दिए थे। तब भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार को मंत्रियों के प्रवास कार्यक्रमों के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सीएम पुष्कर धामी आमतौर पर शनिवार और रविवार को जिलों के प्रवास कार्यक्रम बना रहे हैं। वे सात जिलों में प्रवास कर चुके हैं। कुलदीप ने बताया कि पहले चरण में मंत्री जिलों में प्रवास करेंगे। इसके बाद विधानसभा स्तर पर भी उनके कार्यक्रम तय होंगे। प्रवास के दौरान मंत्री जनता की समस्याओं से रूबरू होंगे और जिला स्तरीय अफसरों संग निस्तारण करेंगे।
मौजूदा समय में उत्तराखंड में विधायकों को विधायक निधि के रूप में एक वित्तीय वर्ष के लिए तीन करोड़ 75 लाख का बजट मिलता है, जबकि हिमाचल में यही राशि एक करोड़ अस्सी लाख के आसपास है।पड़ोसी राज्य यूपी में सालाना पांच करोड़ की विधायक निधि दी जाती है। उत्तराखंड में विधायकों की ताजा मांग पर सरकार क्या कदम उठाती है, ये देखने वाली बात होगी।
उत्तराखण्ड में पलायन, शराब और पहाड़ बचाओ मुख्य समस्या है। कई स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं में वक्ताओं ने बढ़ते पलायन के चलते कई गांव खाली होने पर चिंता जतायी है। पहाड़ के लिए भविष्य में यह गंभीर समस्या बन सकती है। इसलिए पलायन रोकने की दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। साथ ही शराब के प्रचलन को विकास में बाधक बताया। ब्लाक प्रमुख हिमानी नैनवाल ने युवाओं को शराब से दूर रहने की प्रेरणा दी। कहा कि शराब से समाज का तानाबाना टूट रहा है। डा. प्रमोद नैनवाल ने ग्रामीणों से परंपरागत खेती को अपनाने की अपील की। कहा कि इससे पलायन पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने रोजगार के मामले में पिछली सरकारों की नीतियों को भी जिम्मेदार बताते हुए कहा- पलायन जैसी पीड़ा को कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं समझ पा रहे हैं।
पलायन रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी। सरकार का एक-एक पल उत्तराखंड की जनता के लिए समर्पित होगा।
अपनी सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर सीएम आवास में ग्राम विकास विभाग की ओर से लाभार्थी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत देहरादून जिले के 51 लाभार्थियों को चेक व चाभी सौंपकर सम्मानित किया था। इस योजना के तहत प्रदेश में कुल पांच हजार लाभार्थियों को आवासों का आवंटन किया गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास निधि (आईफैड) की वित्तीय सहायतित 771 करोड़ की ग्रामीण
उद्यम वेग वृद्धि योजना (रूरल इंटरप्राइज एक्सलरेशन प्रोग्राम) का शुभारंभ किया।
सीएम कहते हैं कि सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार ने जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। रूरल इंटरप्राइज एक्सलरेशन प्रोग्राम का लक्ष्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय में दोगुनी वृद्धि करने के लिए आजीविका संवर्द्धन को बढ़ावा देना है। यह परियोजना प्रदेश के सभी विकासखंडों में लागू होगी। इस योजना से स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से वित्तीय सहायता देने के साथ उत्पादों की मार्केटिंग की जाएगी। उत्तराखंड 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के 100 दिन पूर्ण होने के अवसर पर ‘सर्वश्रेष्ठ बने उत्तराखंड अपना’ पर आधारित ‘हमारो पहाड़’ धारावाहिक के टाइटल सॉन्ग का विमोचन किया था। इस टाइटल सांग में उत्तराखंड की विकास यात्रा से संबंधित विभिन्न पहलुओं व राज्य सरकार की ओर से जनहित के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कार्यों को दिखाया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थानीय निकाय रेहड़ी व ठेली वालों को अब लोन और वेंडिंग लाइसेंस दिये हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत शहरी विकास विभाग ने इसका शासनादेश जारी किया था। इससे तहत स्ट्रीट वेंडरों को कई सुविधाएं मिल रही हैं। सचिव प्रभारी विनोद कुमार सुमन की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थी वेंडरों को निकाय की ओर से नए वेंडिंग लाइसेंस पांच वर्ष की अवधि के लिए जारी किए जाएंगे। नगर निकाय की टीम फेरी व्यवसायी के कार्यस्थल या वेंडिंग जोन पर जाएगी और वहीं लाइसेंस जारी करेगी। लोन के लिए भी उन्हें निकाय में बुलाने के बजाए निकाय की टीम को वहीं जाकर पूरी प्रक्रिया करनी होगी। हर नगर निकाय की जिम्मेदारी होगी कि वह फेरीवाले को बैंक के चक्कर काटने से बचाए और खुद अपनी टीम भेजकर उसका लोन पास कराए। बैंकों को यह भी कहा गया है कि चूंकि, फेरी व्यवसायियों को मिलने वाले लोन की गारंटी खुद केंद्र सरकार ने ली है। इसलिए बैंकों की ओर से लोन देने में आनाकानी नहीं चलेगी। सब्जी, फल, चना, मूंगफली जैसे फेरीवालों को ज्यादातर कर्ज लेना पड़ता है जो कि बहुत महंगा होता है। लिहाजा, शासनादेश में यह भी कहा गया है कि किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर फेरीवालों के लिए भी स्ट्रीट वेंडर क्रेडिट कार्ड बनाया जाए, ताकि जब भी उसे जरूरत हो, वह लोन ले सके।
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