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व्हाट्सएप ग्रुप

व्हाट्सएप ग्रुप

21 लड़कों का व्हाट्सएप ग्रुप था,
लेकिन हर कोई वहां रहता चुप था।

ग्रुप में ज्यादा बातचीत नहीं होती थी,
अक्सर वहाँ खामोशी पसरी रहती थी।

सभी ग्रुप को ही कोस रहे थे,
हद से ज़्यादा बोर हो रहे थे।

ग्रुप में कोई लड़की नहीं थी,
यही बात सबको खलती थी।

रुपा ज्वाइंड ग्रुप मैसेज आया,
यह पढ़कर तो हर कोई  हर्षाया।

फिर तो ग्रुप की रंगत बढ़ गई,
जब से रुपा की संगत पड़ गई।

ग्रुप में सभी एक्टिव रहने लगे,
रुपा से ज़्यादा चैटिंग करने लगे।

एक बंदे ने किया एक नेक काम,
रुपा से पूछ लिया उसका पूरा नाम।

नाम पढ़ सभी भौचक्के रह गए।
सबके दिल के अरमां बह गए।

पूरा नाम था रुपाराम चौरसिया,
पता चलते ही आधा ग्रुप लेफ्ट हो लिया।
स्वरचित हास्य रचना 
सुमित मानधना 'गौरव'
सूरत , गुजरात।
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