Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बेटी के आँसू

बेटी के आँसू 

बेटियों की हत्या होती हैं
चाहे वो जिहाद हो या हो दहेज
नेता, अभिनेता और मीडिया
उसके ऊपर लांछन लगाने
से नहीं करते परहेज़
रोती हैं तो सिर्फ उनकी मां बाप की आंखे
दर्द का तो सिर्फ दिखावा करता हैं समाज
बेटी तो घर की इज्ज़त होती हैं
उससे आंगन का हैं श्रृंगार
फिर क्यों ऐसा करते
उसके जाने पर अपमान
लांछन न लगाओ, न कीचड़ ही उछालो
संवदेनशील बनो, उसे न्याय दिलाओ
प्रतिशोध लो उसके अपमान का
परंतु भरी सभा में मज़ाक मत उड़ाओ
याद करो जब द्रौपदी का चीर हरण हुआ
महाभारत मे भीष्म पितामह और गुरु द्रोणचार्य
जिनको कोई परास्त न कर सकता था
उनका कुरुक्षेत्र में वध हुआ
स्त्री का अपमान असहनीय है
अगर सह गए तो विनाश होगा ।
ऋचा श्रावणी
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ