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हम नव वर्ष मनायेंगे

हम नव वर्ष मनायेंगे

आयेगी जब चहुँओर हरियाली,
झुम उठेगी हर डाली- डाली,
मुस्कुरायेगी जब गाँव की गोरी,
तब हम गीत खुशी के गायेंगे,
हम नव वर्ष मनायेंगे।


शीत ऋतु जब चले जायेंगे,
बसंत ऋतु जब चले आयेंगे,
आयेंगे जब आमों में मंजर,
बागों में गुलाब खिल जायेंगे,
हम नव वर्ष मनायेंगे।


भौरे जब-जब गुनगुनायेंगे ,
पपीहा शोर मनायेंगे,
कुकेगी जब कोयल खुशी से,
किसान झुमकर जब गायेंगे,
हम नव वर्ष मनायेंगे।


खेलेंगे जब रंगो का त्योहार,
करेगी प्रकृति जब अपना श्रृंगार,
नाच उठेगी जब मन की मोरनी,
मन के मोर जब इतरायेंगे,
हम नव वर्ष मनायेंगे।


जायेंगे जब माह फागुन के,
चैत्र माह तब आयेंगे,
मुस्कुरा उठेगी जब यह धरती,
भगवा हम लहरायेंगे,
हम नव वर्ष मनायेंगे।
-----0--- अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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