Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

यूनिट एक सौ पैंसठ

यूनिट एक सौ पैंसठ

काल का भी होगा नही १६५ पर आघात,
क्यों कि हम पर है महाकालेश्वर का हाथ।
निकले है हम सभी वतन सुरक्षा के लिए,
ईश्वर को भी पता है हम करते नही घात।।


उम्मीद का दीपक हमने बुझने नही दिया,
कई चट्टानें चक्रव्यूह यू ही पार कर लिया।
नेक समर्थ देशभक्त ईमानदार एवं कर्मठ,
बटालियनों में श्रेष्ठ है यही एक सौ पैंसठ।।


आज़ादी में भी छुपा है वीरों का बलिदान,
हम अर्धसैनिक बल CRPF के है जवान।
वन्दे मातरम् से शुरु होता ये शुभ प्रभात,
संध्या पर राष्ट्र गान जन गन मन के साथ।।


कौए के टोकने से चील रुका नही करती,
कामयाबी कदमो में लक्ष्य पे नज़र रहती।
यूतो मिल जाएंगे दुनिया में आशिक कई,
हमारे लिए वतन से खूबसूरत सनम नही।।


रंगो की होली हो या जगमगाती दिवाली,
मातृभूमि हमारा सच्चा साथी न घरवाली।
देश के वीर सपूत दुश्मन के लिए यमदूत,
कर्तव्य हमारा वतन की करना रखवाली।।


रचनाकार गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ