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यादों में रात

यादों में रात

--:भारत का एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र अणु
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यादों में रात कट गई,
एक रोटी थी बट गई।१।
कल देखकर आगे बढ़ी,
आज वो पीछे हट गई।२।
बहुत खुश था मेरा दिल,
चल एक जिंदगी पट गई।३।
घर वालों को मालूम हुआ,
सबकी आंखें उलट गई।४।
पिता ने साफ साफ कहा,
तेरे कारण इज्जत घट गई।५।
तुम मुझसे प्यार करती हो,
पूछा एकदम पलट गाई।६।
अणु अब तेरा आशिक नहीं,
सुनते ही गले से लिपट गाई।७।
©अणु
----------------------------------------वलीदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२.
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