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उपराज्यपाल ने खड़ा किया नया विवाद

उपराज्यपाल ने खड़ा किया नया विवाद

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
अब तो दिल्ली में सरकार और उपराज्यपाल (एल जी) में संवाद कम विवाद ज्यादा हो रहे है। केजरीवाल की सरकार पर 97 करोड़ का कथित अवैध रूप से विज्ञापन निकालने के मामले को एल जी विनय कुमार सक्सेना ने उठाया है। यह प्रकरण लेफ्टिनेंट गवर्नर (एल जी) नजीब जंग के समय का है जो ठण्डे बस्ते में पड़ा हुआ था। इस देश की भोली जनता तो कभी पूछती ही नहीं है कि हमारे पसीने की कमाई से वसूले गये टैक्स को सरकारे अपनी वाहवाही जताने में क्यों खर्च करती हैं? बहरहाल मामला सुप्रीमकोर्ट के एक आदेश का है जिसने सरकारों को विज्ञापन जारी करने में जनता के हित को देखा था। इसके लिए एक समिति बनी थी। केजरीवाल की सरकार ने 2015 में विज्ञापन जारी किये थे, उनको समिति ने सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं पाया था। अब राजनीति, माफ करना इस शब्द का प्रयोग राज्यपालों और उपराज्यपालों के लिए नहीं करना चाहिए लेकिन वे राजनीति कर रहे है, यह सच्चाई है। इसलिए एल जी विनय कुमार सक्सेना ने भी गड़ा मुर्दा उखाड़ दिया है। दिल्ली में इससे पहले उपराज्यपाल ने यह भी आरोप लगाया था कि कैबिनेट मीटिंग से दो दिन पहले प्रस्ताव भेजा जाता है। एल जी सचिवालय की तरफ से इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री के सचिव को भी भेजा गया था। एल जी सचिवालय की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार नियम 1933 बिजनेस रूल के लेन-देन का उल्लंघन कर रही है। एलजी सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर दौरे की इजाजत नहीं दी थी। इसके साथ ही सरकार की शराब नीति पर जांच बैठा दी थी।

दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए हैं। एलजी के आदेश पर आप नेता सौरभ भारद्वाज का बयान आया। जिसमें उन्होंने कहा है कि एलजी को ये पॉवर नहीं है। साथ ही उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस शासित राज्यों के दिल्ली में छपे विज्ञापन को भी दिखाया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी ने एलजी साहब से नया लव लेटर सीएम को भिजवाया है। जैसे-जैसे वैलेंटाइन डे नजदीक आएगा। लव लेटर की संख्या बढ़ेगी। बीजेपी का सीधा झगड़ा अब दिल्ली के लोगों से है। मोहल्ला क्लिनिक में सैलरी का बजट रोका गया, पेंशन रोकी गई, अस्पताल में दवाइयों का बजट रोका गया। बीजेपी अब दिल्लीवालों को चुनावी हार के लिए दण्डित कर रही है। आप नेता ने कहा कि कई साल पुराना विज्ञापन का ठंडे बस्ते का मामला बाहर निकाला गया। ऐसे आदेश के लिए एलजी के पास कोई पॉवर नहीं है। बीजेपी कह रही है कि दिल्ली सरकार के विज्ञापन दिल्ली से बाहर क्यों छप रहे हैं। पिछले एक महीने के अखबार निकलवाये हैं। बीजेपी का कोई ऐसा राज्य नहीं है जिसका कोई विज्ञापन दिल्ली में नहीं छपा हो। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के अखबार में छपे भाजपा शासित राज्यों के विज्ञापन दिखाते हुए कहा कि बीजेपी वाले राज्यों में विज्ञापन पर खर्च 22,000 करोड़ रुपये।।।बीजेपी राज्य सरकार को दे, तो हम भी 97 करोड़ दे देंगे।

दरअसल दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव को ये आदेश दिए हैं कि आम आदमी पार्टी ने जो राजनीतिक विज्ञापन सरकारी विज्ञापन के तौर पर दिए उसके लिए 97 करोड़ रुपये चुकाएं। बता दें कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों के रूप में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए ये निर्देश दिया है। एलजी के निर्देश 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश, 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश और 2016 के सीसीआरजीए के आदेश के मद्देनजर आया है, जिसका आप सरकार पर उल्लंघन का आरोप है।

इससे पूर्व दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी खींचातानी के बीच एलजी ने सीएम को पत्र लिखकर डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को पद से हटाने के लिए कहा था। उपराज्यपाल ने शाह पर राजनीतिक उद्देश्य के लिए पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। सार्वजनिक कार्यालय के दुरुपयोग को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यह आदेश जारी किया। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के थिंक थैंक डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली के वाइस चेयरपर्सन जैस्मीन शाह को अपने ऑफिस के इस्तेमाल पर रोक लगा थी। साथ ही उनसे सभी सरकारी सुविधाएं वापस लेने का आदेश दिया था।

इसी प्रकार सिंगापुर दौरे की मंजूरी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र के बीच कई दिनों तक खींचतान चली लेकिन नतीजा सिफर ही रहा और आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल का सिंगापुर दौरा रद्द ही हो गया। दिल्ली सरकार ने औपचारिक बयान जारी कर इस घटना के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था तो वहीं सीएम केजरीवाल ने भी इस बात की आलोचना की। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “अच्छा होता अगर मैं जाकर सिंगापुर अपनी बात रख पाता और भारत में किए जा रहे कार्यों को दुनिया के साथ साझा करता। मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं दे रहा। केजरीवाल को अगस्त के पहले सप्ताह में सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन उनकी यात्रा को केंद्र से मंजूरी नहीं मिल सकी। औपचारिक बयान में कहा गया कि सिंगापुर यात्रा की औपचारिकताएं 20 जुलाई तक पूरी की जानी थीं, जबकि उपराज्यपाल ने 21 जुलाई को फाइल लौटा दी। आप ने दावा किया है कि चूंकि एलजी और केंद्र से जरूरी अनुमति मिलने में काफी समय लगा, इसलिए बाकी औपचारिकताएं पूरी करने में समय नहीं बचा। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। दरअसल, आरोप हैं कि केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। आरोप हैं कि केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है। एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की थी 22 जुलाई यानी नई शराब नीति को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की। सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के मंत्री सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। वहीं भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए हैं।
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