बिहार कांग्रेस के मुख्यालय पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में स्थापित यह मूर्ति क्या पंडित नेहरू की मूर्ति है?:-राकेश कपूर
मुझे तो लगता है कि बिहार के कांग्रेस नेता अपनी पार्टी की विभूतियों को भी ठीक से नहीं पहचानती है। तभी तो बिहार कांग्रेस के मुख्यालय पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में स्थापित कांग्रेस नेताओं की मूर्तियां उनके चेहरे और उनके व्यक्तित्व से कोसों दूर नजर आती है।
सबसे ज्यादा फर्क तो देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी स्थापित मूर्ति को देखकर लगता है। लगता ही नहीं है कि सच में यह पंडित नेहरु हैं! कुछ मूर्तियां तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी के कार्यकाल में स्थापित हुई थी और इसका अनावरण भी उन्होंने ही किया था। वैसे कुछ दिनों बाद ही वे दल बदल कर जदयू में चले गयें और अभी सरकार में मंत्री हैं। इसके पहले भी रामजतन सिन्हा और मेहबूब अली कैसर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए दल बदल कर चुके थे।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब पं नेहरु जी की मूर्ति का अनावरण हुआ होगा, उस समय अनेको वरिष्ठ कांग्रेस नेतागण उपस्थित रहे होंगे! क्या उन नेताओं की दृष्टि मूर्ति पर नहीं गई? इसे क्या समझा जाए?
जब जब कांग्रेस सत्ता में रहती है, उसके नेताओं में मलाई खाने की होड़ रहती है। और पार्टी जब कमजोर होने लगती है तो कार्यकर्ताओं को मझधार में छोड़कर ये स्वार्थी और पदलोलुप नेता खुद के लाभ के लिए पार्टी बदल लेते हैं।
मेरा अनुरोध नवनियुक्त बिहार कांग्रेस अध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार सिंह से है कि वे सदाकत आश्रम में स्थापित मूर्तियों का अवलोकन कर उन्हें सही स्वरुप देने की कृपा करें और दिवंगत नेताओं की सही पहचान वाली मूर्तियों को स्थापित करवा कर यश के भागी बने।
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