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प्रतिशोधःराजनीति का दुखद पक्ष

प्रतिशोधःराजनीति का दुखद पक्ष

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
लोकतंत्र में चुनाव के माध्यम से सरकार बनाना और बदलना लोक अर्थात जनता का मौलिक अधिकार हैं। यह प्रक्रिया स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा के रूप में होनी चाहिए। दुर्भाग्य से चुनाव को युद्ध की तरह लड़ा जाता है और दुश्मनी को लम्बे समय तक निभाया जाता है। इसी के चलते कोई सरकार पूर्ववर्ती सरकार के जब फैसले बदलती है और उसके पीछे कोई ठोस कारण भी नहीं होता, तब जनतंत्र आहत होता है। हिमाचल प्रदेश में इससे पूर्व भाजपा की सरकार थी और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हुआ करते थे। अभी नवम्बर 2022 में विधानसभा के चुनाव हुए और जनता ने भाजपा से सत्ता छीनकर कांग्रेस को सौंप दी। कांग्रेस ने सुखराम सिंह सुक्खू को मुख्य मंत्री बनाया है। सुक्खू की सरकार को चुनाव पूर्व जनता से किये गये वादे निभाने ही चाहिए और इस पर काम भी हो रहा है लेकिन उनसे ज्यादा पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों को बदलने पर ध्यान दिया जा रहा है। इस तरह का एक फैसला अटल टनल का नाम बदलने का है। इस टनल का शिलान्यास सोनिया गांधी ने किया था। सुक्खू सरकार ने अटल टनल पर सोनिया गांधी के नाम की शिलान्यास पट्टिका लगाने का आदेश दिया है। मुख्य विपक्षीदल भाजपा इसे बदले की कार्रवाई बता रही है। इसी तरह के कई फैसले नई सरकार ने लिये हैं जो चर्चा का विषय बने हैं।

हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन को 8 दिन का समय ही बीता था लेकिन उससे पहले ही सरकार ने ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 12 दिसंबर को अपना कार्यभार संभाला था, उसके बाद से सरकार ने जयराम सरकार में लिए गए कई फैसलों को पलट दिया है। सुक्खू सरकार की कार्रवाई पर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर बदले की भावना से काम करने का भी आरोप लगा चुका हैं। हालांकि, सीएम सुक्खू इस बात से इंकार करते हैं। सरकार के ओल्ड पेंशन योजना को लागू करने का भी प्रदेश की जनता को बेसब्री से इंतजार है। कामकाज संभालने के पहले दिन ही सीएम ने बीती सरकार के आठ माह के कार्यकाल के फैसले और प्रोजेक्ट्स को रिव्यू करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा, जलशक्ति विभाग में छह महीने में हुए टेंडर और पेमेंट पर भी रोक लगाई गई थी। साथ ही भर्तियों को भी रिव्यू करने के आदेश जारी किए।

अब अटल टनल पर सोनिया गांधी के शिलान्यास की पट्टिका को लगाने के आदेश सुक्खू सरकार ने दिए हैं। इस टनल का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था, लेकिन सोनिया गांधी की पट्टिका को हटा दिया गया था। अब यहां दोबारा पट्टिका लगाने का आदेश दिया गया है। हालांकि, सुखविंदर सुक्ख इस बात से इंकार कर चुके हैं कि वह टनल का नाम बदलेंगे। हिमाचल की पूर्व जयराम सरकार में कई अफसरों को रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार दिया गया था, लेकिन सरकार अब इन एक्सटेंशन को रद्द कर रही है। फैसले के तहत दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सुरक्षा अधिकारी रहे डीएसपी पद्म ठाकुर का सेवाविस्तार रद्द कर दिया है। इसी तरह चार दिन पहले, सचिवालय से सेवानिवृत्त दो अधिकारियों रामकृष्ण वर्मा और दीवान नेगी के पुनर्रोजगार को भी खत्म कर दिया था। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (वास्तुकार) सेंट्रल जोन मंडी में नियुक्त नंद लाल के सेवा विस्तार भी रद्द कर दिया है।

सरकार ने जयराम राज में बीते 6 माह में खुले सरकारी दफ्तरों को भी बंद करने के आदेश दिए हैं। पूर्व बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह के हल्के धर्मपुर में खुला बागवानी विभाग का डिप्टी डायरेक्टर दफ्तर बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, मंडी और कांगड़ा के बागवानी विभाग के निदेशक कार्यालय को बंद करने के आदेश जारी हुए हैं। बिजली विभाग में हाल ही में सर्कर दफ्तरों को लेकर भी सरकार ने अंडर कंसीड्रेशन में रखा है और ऐसे में इन दफ्तरों को भी सरकार बंद कर सकती है।

हिमाचल प्रदेश की पूर्व जयराम सरकार के एक और फैसले को सुक्खू सरकार ने बदल दिया है। बिजली विभाग पर सरकार की गाज गिरी है। सरकार ने जयराम सरकार के अंतिम छह माह में खोले गए बिजली विभाग के दफ्तरों को बंद करने का आदेश जारी किया है। जयराम सरकार में बनाए गए बिजली विभाग के धर्मपुर, नरपूर और नेरचैक सर्किल दफ्तरों को सुक्खू सरकार ने बंद करने के आदेश जारी कर दिए है। इन दफ्तरों को डि-नोटिफाई करने के लिए बाकायदा नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। कुल 15 दफ्तरों को बंद किया गया है। इनमें 14 डिवीजन और 3 सर्कर ऑफिस हैं।

जानकारी के अनुसार, नेरचैक सर्कल को खोलने के लिए 12-07-2022 को नोटिफिकेशन हुई थी। शिलाई डिवीजन को भी अब बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, पांवंटा साहिब (ईडी), रामपुर से सराहन (ईडी), सिरमौर के संगडाह (ईडी), हमीरपुर से सुजानपुर (ईडी), मंडी का थुनाग और नागणी, चंबा के तीसा (ईडी), ऊना का हरोली(ईडी) बंद करने के आदेश जारी हए हैं। इसके अलावा, कुल्लू के बंजार में ईलेक्ट्रिकल सेक्शन, नूरपुर के सर्किल दफ्तर, धर्मपर सर्किल दफ्तर (एसई), भोरंज (ईडी) को प्रदेश सरकार ने बंद कर दिया है। हालांकि, नए आदेशों में कहा गया है कि चीफ इंजीनियर इन दफ्तरों को दोबारा खोलने के लिए फ्रेश प्रपोजल दे सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार का जयराम राज में हुए फैसलों पर एक्शन जारी है। बिजली, पानी, बागवानी के बाद सरकार ने स्वास्थ्य विभाग पर भी चाबुक चलाया है। सुक्खू सरकार ने बीते नौ महीने में खोले गए स्वास्थ्य संस्थानों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा, अपग्रेड किए गए स्वास्थ्य संस्थानों को सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया है।

सरकार की अधिसूचना में लिखा गया है कि 1 अप्रैल 2022 के बाद प्रदेश में जितने भी स्वास्थ्य संस्थान खोले या अप्रग्रेड किए गए हैं, उन्हें सरकार डोनोटिफाई करती है। हेल्थ सचिव सभाशीष पांडा की तरफ से यह आदेश जारी किए गए हैं। इससे पहले, सरकार ने बिजली विभाग के कुल 15 दफ्तरों को बंद करने के आदेश दिए थे। इनमें धर्मपुर सर्कल, भवारना और नुरपूर सर्कल शामिल थे। इसके अलावा, प्रदेश भर में 12 इलेक्ट्रिकल डिवीजन को भी बंद करने का फरमान सुनाया गया है। वहीं। मंडी के धर्मपुर में बागवानी के डिप्टी डायरेक्टर दफ्तर को भी बंद कर दिया गया है। फिलहाल, सरकार के फैसलों पर जनता में रोष है। वहीं, भाजपा भी सवाल उठा रही है और कोर्ट जाने की बात कह रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 12 दिंसबर को कामकाज संभालते ही बीती सरकार के 9 महीने के फैसलों को रिव्यू करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा, जलशक्ति विभाग में छह महीने में हुए टेंडर और पेमेंट पर भी रोक लगाई गई थी। साथ ही भर्तियों को भी रिव्यू करने के लिए कहा गया था। मंडी में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह एयरपोर्ट को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने इस एयरपोर्ट का सर्वे कर रही एंजेसी को बदल दिया है। वहीं, मंडी में 150 करोड़ से बन रहे शिवधाम प्रोजेक्ट का काम भी ठप्प हो गया था, जो अब तक नहीं चला है। ऐसे में अब इन दो प्रोजेक्ट पर संकट के बादल छा गए हैं।
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