वसुधैव कुटुम्बकम् का अनुसरण किया हैं, अब बौद्धिक संपदा को संरक्षित करने की आवश्यकता है : जस्टिस मृदुला मिश्रा
पटना से दिव्य रश्मि संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर |
जे. डी. वीमेंस कॉलेज, पटना एवं भारतीय भाषा अभियान, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में "बौद्धिक संपदा अधिकार : एक विमर्श" विषय पर परिसंवाद आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलित के साथ हुआ। प्राचार्या डॉ मीरा कुमारी ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र और पौधा दे कर की।
उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पटना के कुलपति जस्टिस मृदुला मिश्रा ने उक्त विषय के वैधानिक पक्ष एवं महत्व को बताते हुए कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् के मूल वाक्य को अनुसरण करते आए हैं हम, अब अपनी बौद्धिक संपदा को संरक्षित करने की आवश्यकता है।
पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शंभू शरण शर्मा एवं अशोक कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य से शिक्षकों एवं छात्राओं को बौद्धिक संपदा अधिकार की बारीकियों से अवगत करवाया। भारतीय भाषा अभियान के संरक्षक अजीत कुमार पाठक ने भी अपने विचार रखे।
IQAC, समन्वयक डॉ मीना सिन्हा ने मंच संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ मधु कुमारी ने की।
महाविधालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम डॉ मालिनी अध्यक्ष दर्शन दर्शनशास्त्र विभाग के निर्देशन में किया गया।
उक्त अवसर पर पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता शिखा परमार, महाविद्यालय की शिक्षिका डॉ सुमिता सिंह, डॉ कुमकुम, डॉ रेखा मिश्रा ,अन्य शिक्षकगण, अधिवक्तागण एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। धन्यवाद! कार्यक्रम का अंत शांति मंत्र से किया गया।
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