बिहार प्राचीन काल से ही शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा है -राज्यपाल
पटना, 21 दिसम्बर, 2022:- महामहिम राज्यपाल श्री फागू चैहान ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार प्राचीन काल से ही शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा है तथा यहाँ के नालन्दा एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु विश्व भर से विद्यार्थी आते थे। यह राज्य अनेक महापुरूषों की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि रहा है। बिहार के सपूत एवं महान गणितज्ञ, खगोलशास्त्री व ज्योतिषविद् आर्यभट्ट के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण हुआ है।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में 32 विद्यार्थियों को उपाधि-पत्र एवं स्वर्ण पदक प्रदान किया जिनमें 15 छात्र एवं 17 छात्रायें शामिल हैं। उन्होंने उपाधि-पत्र प्राप्त करनेवाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनायें देते हुए कहा कि वे मेधावी और उच्च शिक्षा प्राप्त युवा हैं तथा देश और समाज को उनसेे काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे अपने आचरण, व्यवहार और क्रियाकलापों से अपने पदक के मर्यादा की रक्षा करेंगे।
राज्यपाल ने उच्च शिक्षा के संबंध में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की एक उक्ति को साझा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा वही है जिसे पाकर मनुष्य विनम्र, परोपकारी, सेवाभाव से युक्त और कर्म में तत्पर हो जाए। जिस विद्या से आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कष्टों से मुक्ति मिलती है, वही वास्तविक विद्या है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपेक्षा की कि वे बापू के इन वाक्यों को आत्मसात करते हुए इन्हें व्यवहार में लाने का ईमानदार प्रयत्न करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय नवीनतम विषयों से संबंधित शोध कार्य को लगातार आगे बढ़ा रहा है। नैनो टेक्नोलॉजी से संबंधित यहाँ के रिसर्च पेपर का प्रस्तुतीकरण 20 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में किया गया है तथा विभिन्न इन्टरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। चीन, मलेशिया, ब्राजील तथा अन्य देशों के शिक्षाविदों एवं वैज्ञानिकों के द्वारा नैनोसाइंस के प्रकाशित रिसर्च पेपर को देखा गया है। इससे इस विश्वविद्यालय में हो रहे शोध कार्य को वैश्विक पहचान मिली है। यू॰एस॰ए॰ स्थित इन्टरनेशनल सेन्टर फॉर डिफरेक्सन डाटा द्वारा इस विश्वविद्यालय के रिसर्च के आधार पर तीन नए चुम्बकीय नैनोपदार्थ की क्रिस्टल संरचना की खोज को प्रकाशित किया गया है। विश्वविद्यालय में नवीनतम विषयों से संबंधित एक सिमुलेशन रिसर्च प्रयोगशाला की स्थापना भी की गई है।
उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में नवगठित भौगोलिक अध्ययन केन्द्र उत्कृष्ट शोध केन्द्र के रूप में कार्यरत है तथा यहाँ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशाला के आयोजन भी किये जा रहे हंै। आगामी सत्र से नवीन तकनीक पर आधारित भू-सूचना प्रणाली एवं रिमोट सेंसिंग पाठ्यक्रम को भी प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। यह राज्य में नियोजन के दृष्टिकोण से सहायक सिद्ध होगा। यहाँ नवसृजित स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एवं मास कम्युनिकेेशन तथा पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनाॅमिक्स भी सुचारू रूप से कार्यरत हैं।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वस्तरीय शोध स्तर को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार के ‘‘साथी’’ जैसे रिसर्च प्रोग्राम के अंतर्गत आई॰आई॰टी॰, पटना, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गया, महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय, मोतिहारी एवं पटना विश्वविद्यालय के साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय भी हाल ही में क्लस्टर ग्रुप में शामिल हुआ है।
समारोह में राज्यपाल को आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने अंगवस्त्र एवं स्मृृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम को माननीय शिक्षा मंत्री श्री चन्द्रशेखर एवं माननीय विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री राॅबर्ट एल॰ चोंग्थू, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र प्रताप सिंह, कुलसचिव डॉ॰ राकेश कुमार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ॰ राजीव रंजन तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
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