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"अजब चोरी का, गजब ढिंढोरा"

"अजब चोरी का, गजब ढिंढोरा"

पुलिस थाने के बाहर खड़ी थी उनकी गाड़ी,
चोर था बड़ा शातिर या फिर कोई अनाड़ी!


कैसे उसने जुटाई होगी इतनी ज्यादा हिम्मत,
पुलिस वालों के लिए बढ़ा दी कैसी मुसीबत।


बाहर पड़ी सूमो लेकर हो गया एक चोर फरार,
कैसे कहूँ साहब से हवलदार सोचने लगा यार।


खबर सुन दरोगा पहले ठहाका लगा के हँस पड़े,
लेकिन बाद में गुस्से से हवलदार पर वो बरस पड़े!


पता चलेगा जनता को हमारे बारे वो क्या सोचेगी,
खबर सुन यह चोरी की पब्लिक हमको कोसेगी।


किसने की है ऐसी जुर्रत जल्दी तुम पता लगाओ,
इस चोर को पकड़ कर सामने फौरन हमारे लाओ।


कभी कभार ऐसी चोरी ये चोर लोग कर जाते हैं,
पुलिस वाले भी दाँतों तले अपनी उंगली दबाते हैं!
✍सुमित मानधना 'गौरव', सूरत 😎
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