सरकार के चार साल क्या बनेंगे सत्ता वापसी की ढाल?
(डाॅ. भरत मिश्र प्राची-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है और इससे बड़ी उपलब्धि नहीं हो सकती है। 17 दिसंबर को राजस्थान में कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे होने पर अपने संबोधन के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा, चार साल बाद भी जनता सरकार के खिलाफ नहीं है, आमतौर पर हर जगह ऐसी स्थिति हो जाती है और लोग गलतियां निकालने लगते हैं लेकिन राजस्थान में स्थिति अलग है। राज्य सरकार के लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हो सकती है। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा लागू करने की मांग दोहराई। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, जवाहर कला केंद्र में एक विकास प्रदर्शनी सहित जयपुर में कई सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए गए। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के बारे में बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जिसने 35 साल सरकार की सेवा की है उसे सुरक्षा मिले, क्योंकि सामाजिक सुरक्षा के बारे में चिंतित होने का समय है। एक आम नीति होनी चाहिए। राष्ट्रव्यापी सामाजिक सुरक्षा के लिए जिसके लिए वित्त का प्रबंधन केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा किया जाना चाहिए।
आगामी वर्ष 2023 के अंतराल में देश के नौ राज्यों के विधान सभा चुनाव में दो प्रमुख राज्य राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ ऐसे है जहां वर्तमान में कांग्रेस की सत्ता है। दोनों राज्यों ने अपने - अपने चार साल पूरे कर लिये है। पूर्व में मध्यप्रदेश राज्य में भी कांग्रेस की ही सरकार सत्ता में आयी थी पर अपनों में विद्रोह होने के चलते कुछ दिनों बाद हीं पास आई सत्ता विपक्ष भाजपा के पाले में चली गई। सर्वविदित है इस बीच राजस्थान की सत्ता की राजनीतिक परिस्थितियां भी आपसी अनबन के चलते गंभीर संकट के दौर से गुजरती रहीं। फिर भी कांग्रेस ने सत्ता के चार साल पूरे कर लिये एवं आगामी चुनाव के तैयारी के साथ शेष कार्यकाल भी निर्विरोध पूरा करने की दिशा की ओर अग्रसर होते हुये अपने कार्यकाल के चार साल की उपलब्धि माॅडल स्टेट राजस्थान नाम से 17 दिसम्बर से 28 दिसम्बर तक राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेश के हर जिला, नगरपालिका, नगरनिगम, पंचायत एवं ग्राम स्तर पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम, प्रदर्शनी आयोजित कर प्रदेश की आवाम के पास पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रही है जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में आम जन का सहयोग फिर से सत्ता दिलाने में मिल सके। राजस्थान सरकार का यह आयोजन उस विशेष अवसर पर हो रहा है जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ों यात्रा राजस्थान से गुजर रही थी। इस यात्रा से फिलहाल कांग्रेस के बीच उभरी मनमुटाव की दूरी कम होती नजर आ रही है जिसका लाभ कांग्रेस को आगामी दौर में मिलना स्वाभाविक है। विपक्ष अर्थात भाजपा सरकार के इस कार्य को अपनी नाकामियों के छिपाने का आयोजन मान रही है तो सत्ता पक्ष सरकार के चार साल को राज्य की संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह बताते हुयेे बेमिसाल बता रही है। इस प्रक्र्रिया के तहत राजस्थान की राज्य सरकार आपने चार सल में आम जन के हित में लिये गये निर्णय जिसमें प्रमुख है कर्मचारियों की बंद पड़ी पुरानी पेंशन योजना को 1जनवरी 2004 से नियुक्त समस्त राज्य कर्मियों पर लागू करना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 10 लाख रू। कैशलेस स्वास्थ्य बीमा एवं 5 लाख रुपये दुर्घटना बीमा, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, सरकारी नौकरी के तहत 1।36 लाख को अभी तक नौकरी देने एवं 1 लाख अतिरिक्त भर्ती प्रस्तावित प्रक्रिया के साथ 1। 21 लाख सरकारी नौकरी प्रक्रियाधीन, प्रदेष के सभी चिकित्सालयों के आउटडोर, इंडोर में जांच, दवाई, इलाज निःशुल्क, करने, बिजली उपभोक्ताओं को आम राहत, किसानों को सस्ती बिजली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सहित अनेक जनोपयोगी योजनाएं लागू कर आम जनहितकारी सरकार होने का विश्वास आमजन को दिलाने का प्रयास कर रही है। राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार का अपने चार साल के प्रगतिशील एवं जनहितकारी कार्यो के आधार पर आगामी चुनाव में फिर से आमजन का विश्वास पाकर सत्ता में आने का भरपूर प्रयास सरकार के चार साल पर आयोजित यह विशेष आयोजन है पर राजस्थान की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में यह आयोजन फिर से सत्ता प्राप्ति में क्या मददगार साबित हो सकेगा जहां हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन होने का इतिहास लगातार देखा जा रहा है। वैसे प्रदेश की आवाम को हर तरह से संतुष्ट करने का हर संभव प्रयास इस सरकार के चार साल के आयोजन में दिखाया जा रहा है। सरकार के चार साल के आयोजन सत्ता वापिसी का ढ़ाल क्या बन पायेंगे, आने वाला ही समय बता पायेगा।
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