Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

उमंगों की पतंगे उड़ाओ

उमंगों की पतंगे उड़ाओ

उमंगों की पतंगे लेकर आओ मचाए हम भी शोर।
गली गली घूमते गाते चले आई है सुहानी भोर।
जीवन में उड़ानें भर आओ चले खुशियों की ओर
प्यार के तरानो से सुलझा लेंगे हम रिश्तो की डोर। 

नई आशाएं जोश जज्बा हृदय में भरकर भरपूर। 
रिश्तो में मिठास घोल दे हो जाये हम भी मशहूर।
आओ आसमां को छूएं कर लें जरा गगन की सैर। 
प्यार के मोती चले लुटाते होकर बुराई से हम दूर।

ठंडे ठंडे मौसम में भी उमंगो की लगती भरमार। 
रंग बिरंगी लेकर पतंगे छत्त पे चढे बीवी भरतार। 
कोई काटे कोई लूटे भागमभाग सी मच रही भारी।
तिल के लड्डू घेवर बंट रही गर्म जलेबी मजेदार।

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ