गणतंत्र दिवस हमारा
देश भक्ति में झूमे सारे, मनाए उत्सव मिलकर।
गणतंत्र दिवस हमारा, मुस्काए हम खिलकर।
हाथों में तिरंगा लेकर, गीत वतन के गाए।
आओ आज मिलकर, महोत्सव हम मनाएं।
सीमा पर अटल सेनानी, वंदे मातरम गा रहे।
राष्ट्रप्रेम की ज्योत जला, देशप्रेम जगा रहे।
क्रांति काल में वीरों ने, जब लड़ी खूब लड़ाई थी।
भारतमाता के चरणों में, प्राणों की भेंट चढ़ाई थी।
आजादी का जश्न मनाए, आओ मिलकर सारे।
प्रेम की हम गंगा बहाये, दमके भाग्य सितारे।
सर्वधर्म समभाव जहां, जन मन में उजियारा।
सारे जहां से प्यारा लगता, भारत देश हमारा।
लाल किले पर लहराए, तिरंगा जब शान से।
भारत मां के जयकारे, जब गूंजे आसमान से।
देशभक्ति का हौसला, सबके दिल में प्यारा है।
राष्ट्रप्रेम रसधार बहती, ये हिंदुस्तान हमारा है।
रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थानप्रमाणित किया जाता है कि रचना स्वरचित मौलिक है।
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