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अहिंसा का मतलब, ख़ामोश रह सहना नहीं होता,

अहिंसा का मतलब, ख़ामोश रह सहना नहीं होता,

अहिंसा का मतलब, ख़ामोश रह सहना नहीं होता,
विनम्रता मतलब, चुप रह उत्पात सहना नहीं होता।
धर्म का मतलब शब्दों में नहीं, सार में छिपा होता,
सनातन के टुकड़े कर, नवधर्म विस्तार में नहीं होता।


जैन बोद्ध और सिक्ख, सनातन के विचार हैं,
धर्म अलग नहीं है, मानवता का विस्तार हैं।
रोटी बेटी- जीवन मरण, धर्म कर्म शैली एक सी,
सनातनी विस्तार के, मर्यादित व्यवहार हैं।


सनातन को तोड़ने की साज़िशें होती रही,
सियासतें अलग करने की राह खोजती रही।
कौन नानक- पंच प्यारे, कौन बुद्ध महाबीर थे,
क्यों हमारे तीर्थ स्थलों मे, पर्यटन खोजती रही?


सम्मेद शिखर जी की लड़ाई, सनातनी अस्तित्व की है,
धर्म विरोधी सरकार के विनाश और अस्तित्व की है।
एकजुट गर हो सके तो जीत मिलनी सुनिश्चित रहेगी,
धर्म के विकास और धर्म स्थलों के अस्तित्व की है।

अ कीर्ति वर्द्धन
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