छोड़ो अंग्रेजी
अंग्रेजी भी हमें क्या दिखलाता हैं
मां को ममी और पिता को डेड बतलाता हैं
हर किसी को अंकल आंटी कहवाता हैं
क्या समझूं!यह रिश्ता क्या कहलाता हैं
चाचा, बाबा, बुआ में जो आत्मीयता होती हैं
ये कहा अंग्रेजी में दिखती हैं
ननिहाल जाओ तो मामा,मौसी बुलाते हैं
बरो को भईया दीदी और छोटो को अनुज कह कर पुकारते हैं
गांव में सभी लोग परिवार कहकर संबोधित करते हैं
हमारे हिंदी संस्कार हमें यही सिखाते हैं
चलो फिर से गांव की संस्कृति को अपनाते हैं
पहले खुद पर लागू करके, फिर आगे की पीढ़ी को समझाते हैं
अंग्रेज तो कब के चले गए
अब अपनी संस्कृति को आज़ादी दिलाते हैं
पश्चिमी सभ्यता को छोर, खादी अपने परिधान युवा पीढ़ी को पहनाते हैं
अंग्रेजी भारत छोड़ो यह आंदोलन चलाते हैं
यह संकल्प ले भारत की समृद्धि को लौटाते हैंऋचा श्रावणी
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