शिवा से वीर सैनिक
नहीं चढ़ाओ स्वर्ण कलश मन्दिर के ऊपर,
नहीं बनाओ रजत प्रतिमा अब वेदी पर।
हर मन्दिर और शिवालय, शिक्षालय हों,
बच्चा बच्चा वीर शिवा, हो तैयार वहाँ पर।
भारत की सीमा रक्षा में, जो सक्षम हो,
यवन काल बनने को आतुर, सक्षम हो।
लक्ष्मी सा शौर्य, शिराओं में जिसकी दौड़े,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने में, सक्षम हो।
शस्त्र शास्त्र का भी वह विद्वान बने,
वाणी से सक्षम, गीता और पुराण बने।
धर्म कर्म मानवता संस्कारों का पोषक,
धर्म की रक्षा, राम कृष्ण हनुमान बने।
देश धर्म, मानवता का दुश्मन कोई भी हो,
हिन्दू मुस्लिम या नेता, गद्दार कोई भी हो।
मातृभूमि के आंचल पर जो नजर गड़ाए,
मौत की नींद सुला दे, मक्कार कोई भी हो।
अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com