आओ खेलें जमकर होली, रंग- अबीर- गुलाल से,
पानी के भी रंग बना लें, चकुंदर,टेसू - गुलाब से।
होली है त्यौहार “कीर्ति”, भाईचारे और प्रेम का,
गैरों को भी गले लगा लें, प्यार और मनुहार से।
मत खेलना होली बच्चों, गुब्बारों को फैंक कर,
कैमिकल रंग भी न लगाना, कभी किसी के फेस पर।
होली का त्यौहार जान लो, “कीर्ति”भाईचारे और प्रेम का,
गैरों को भी यह समझा दो, अभिमान करो तुम देश पर।
लड़ाई- झगड़ा ख़त्म करें, होली के त्यौहार पर,
मतभेद मिटाकर गले मिलें, होली के त्यौहार पर।
होली है त्यौहार प्रेम का, दुनिया को दिखलाना है,
प्यार के रंगों में रंग जाओ, होली के त्यौहार पर।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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