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हम पुराने हो गए

हम पुराने हो गए

संजय कुमार मिश्र अणु
--:भारत का एक ब्राह्मण

लग रहा है कि जैसे हम पुराने हो गए,
और शहर वाले तेरे दीवाने हो गए।१।
पहले तो एक पल कहीं रहती नहीं थी,
अब ऐसे मिलती है जैसे अनजाने हो गए।२।
समय के साथ साथ तुम भी बदल गई,
तभी तो मेरे लिए एतने सारे बहाने हो गए।३।
तुम्हे पता है मेरा दिन कैसे बीत रहा,
मानो ये अपने घर ही कैदखाने हो गए।४।
एक दिन की बात होती तो भुल जाते,
तेरा जुल्म मुझ पर अब रोजाने हो गए।५।
कभी गुलजार रहा करता था ये दिल,
भले ये आज उजड़े हुए ठिकाने हो गए।६।
पहले तो हम तेरे एकदम अपने थे,
क्यों आजकल हम जनेपहाचने हो गए।७।
भले कह रही हो यहां है कोई नहीं मेरा,
तो क्यों ये दिल अणु से बेगाने हो गए।८।
----------------------------------------वलीदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२
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