हम पुराने हो गए
संजय कुमार मिश्र अणु
--:भारत का एक ब्राह्मण
लग रहा है कि जैसे हम पुराने हो गए,
और शहर वाले तेरे दीवाने हो गए।१।
पहले तो एक पल कहीं रहती नहीं थी,
अब ऐसे मिलती है जैसे अनजाने हो गए।२।
समय के साथ साथ तुम भी बदल गई,
तभी तो मेरे लिए एतने सारे बहाने हो गए।३।
तुम्हे पता है मेरा दिन कैसे बीत रहा,
मानो ये अपने घर ही कैदखाने हो गए।४।
एक दिन की बात होती तो भुल जाते,
तेरा जुल्म मुझ पर अब रोजाने हो गए।५।
कभी गुलजार रहा करता था ये दिल,
भले ये आज उजड़े हुए ठिकाने हो गए।६।
पहले तो हम तेरे एकदम अपने थे,
क्यों आजकल हम जनेपहाचने हो गए।७।
भले कह रही हो यहां है कोई नहीं मेरा,
तो क्यों ये दिल अणु से बेगाने हो गए।८।
----------------------------------------वलीदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com