उड़ती पतंग सी फितरत
व्योम तलक उड़ाने उंची आसमां तक छा जाऊं।
मन करता दुनिया घूम लूं पंख लगा उड़ पाऊं।
उड़ती पतंग सी फितरत डोर को थामे रखना।
दुनिया के रंग निराले खुशियों की शामे रखना।
उड़ती रहे नील गगन में विविध भांति रंग लिए।
अटकलें आसमानों में खिलाती बलखाती पिये।
सैर सपाटा संसार में जमीन से जुड़े रहो कहती।
पतंग सी फितरत मेरी दिल में धरती मां बसती।
परवाज हौसलों की भर मंजिलों की ओर चलें।
देशभक्ति जोश जज्बा मन में कई अरमान पले।
रमाकांत सोनी सुदर्शननवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com