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भीगी प्रेम दीवानी राधा

भीगी प्रेम दीवानी राधा

तन भीगा है मन भीगा है, रंगों से उपवन भीगा है।
भीगी प्रेम दीवानी राधा, चोली दामन सब भीगा है।

मन का कोना कोना भीगा, रोम-रोम हर तन भीगा है।
फागुन रंग बसंती छाया, प्रेम रंग से जन-जन भीगा है।

भीगा शहर गांव भीगा है, घर घर और ठांव भीगा है।
फागुन होली खेलन कान्हा, सर से ले पांव भीगा है।

भीगी मथुरा काशी भीगी, वृंदावन सारा धाम भीगा है।
प्रीत रंग में रंगी दुनिया, मेरा सांवरिया श्याम भीगा है।

भीगी मीरा करमा भीगी, श्याम दीवाना आम भीगा है।
कृष्ण कन्हैया रंग में तेरे, भोले शिव संग राम भीगा है।
नर भीगा है नारी भीगी, गोरी गुजरिया सारी भीगी।
रंग गुलाल उड़े फागुनी, घर आंगन फुलवारी भीगी।

रंगों का मौसम छाया है, होली का उत्सव आया है।
आई मस्त बहारें भीनी, जन मन सारा हरसाया है।

रमाकांत सोनी 
सुदर्शननवलगढ़ 
जिला झुंझुनू राजस्थान
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