पिज़्ज़ा सस्ता सब्ज़ी महँगी हो गई,
घर की रोटी भूखी घर में सो गई।
होटल जाकर सब कुछ सस्ता लगता,
मंहगाई की मार घर पर हो गई।
ब्रान्डिड कपड़े से बाज़ार भरा है,
ब्रान्डिड जूतों से घर बाहर भरा है।
नई गाड़ियाँ सड़कों पर दौड़ लगाती,
मंहगा घर में सब सामान भरा है।
नये नये शो रूम खुल रहे गली गाँव में,
सिमट रहे व्यापारी छोटे गली गाँव में।
आमदनी कम पड़ती दिखावे के चक्कर,
रहना नहीं चाहते अब कोई गली गाँव में।
अ कीर्ति वर्द्धन
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