समझकर भी अंजान...
न मन कही लगता हैन दिल कही लगता है।
आज कल बड़ा अजब सा
मुझे क्यों लग रहा है।
जबकि सब कुछ है यहाँ
पर फिर भी अकेलापन है।
जो मेरी बैचैनीयों को और
अधिक क्यों बढ़ा रहा है।।
दिलकी बातें दिल समझता है
पर ये मानता क्यों नहीं है।
मन तो चंचल है माना फिर
आजकल ठहर क्यों गया है।
ऐसे अनेक सवाल है दिलमें
पर किसी का उत्तर नहीं है।
इसलिए उन्हें खोज रहा हूँ
और उन तक पहुँच रहा हूँ।।
हर बात का और इशारो का
कोई न कोई मतलब होता है।
जो दिल और मन की बातें
कहने की कोशिश कर रहा है।
समझने वाला समझ रहा है
फिर भी अंजान क्यों बना है।
कुछ तो बोल और मन के द्वार
अपने अंदर से तू खोल ।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना"
मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com