रखवारे राम दुलारे
रखवारे रखवारे, हे हनुमत राम दुलारे।
अंजनी के लाला आजा, आजा हनुमान प्यारे।
रखवारे रखवारे -2
गिरि द्रोण संजीवनी लाए, लक्ष्मण प्राण बचाए।
सिंधु पार सीता माता को, ले मुद्रिका दे आए।
आग लगा पूंछ को सीधे, जला दिए घर द्वारे।
दहक उठी लंका नगरी, जय जय श्रीराम के नारे।
रखवारे रखवारे -2
राम नाम की माला फेरे, घट में राम बसाये।
पवन पुत्र हे हनुमंता, अष्ट सिद्धि तुम पाये।
संकट मोचन हे दुखहर्ता, दुखियों के तुम सहारे।
पीर हरो हे रामभक्त, हे दीनों के रखवारे।
रखवारे रखवारे -2
बजरंगबली राघव प्यारे, रामभक्त तुझको प्यारा।
तन सिंदूर हाथों में गदा, संकट हर लेते सारा।
रामनाम में लीन रहते, केसरी नंदन नयन तारे।
पवन वेग से दौड़े आओ, मारूति सुत पवन प्यारे।
रखवारे रखवारे -2
रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानरचना स्वरचित व मौलिक है।
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