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हनुमान जन्मोत्सव पर

हनुमान जन्मोत्सव पर

कुशल खिलाडी बन्दर होते, जग में सबसे समझदार,
264 प्रजातियां इनकी, जानवरों में उत्तम किरदार।
बन्दर को मानव का पूर्वज, इतिहासकारों ने बतलाया,
हनुमान भी वानर जिसने, सीता का पता लगाया।
लक्ष्मण हुये मुर्छित जब, संकट में थे उनके प्राण,
हनुमान ने ला संजीवनी, अपना कर्तव्य निभाया।
जंगलों में अक्सर यह रहते, पेडों पर इनका आवास,
शाकाहारी अधिकतर भोजन, शहरों में भी करें निवास।
युद्ध क्षेत्र में एक प्रजाति, गौरिल्ला की पहचान बनी,
जापान के होटल में वेटर, इनकी कुशलता की शान घनी।
देखा हमने खेल दिखाते, कुशल मदारी बन्दर को,
बन्दर को देखा है सबने, जानवरों की रखवाली को।
जब भी निकले शिकार खेलने, जंगल के सरदार,
बन्दर अपनी उछल कूद से, कर सचेत करता उपकार।
लंगुर भी बन्दर की है, एक प्रजाती का होता,
समझदारी और बहादुरी में, नही कोई सानी होता।
जानवरों में सिर्फ बन्दर ही तो, केला छील कर खाते,
बहुत नकलची बन्दर होते, सबका मन भी हर्षाते।
चिंपेजी और गौरिल्ला तो, होते बहुत ही समझदार,
दो पैरों पर चलते दिखें, दिखलाते यह करतब हजार।
मानव के तो बत्तीस होते, बन्दरों के छत्तीस हैं दाँत,
सभी मुल्कों में पाये जाते, घुडकी दे दिखलाते आँख।

अ कीर्तिवर्धन
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