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दिलने अपनाया है

दिलने अपनाया है

जुदा होकर भी देखो
वो कितने पास है मेरे।
बिना देखे और सुने उनका
मैं हालचाल जान लेता हूँ।
कसम है उस बनाने वाली की
जिसने तुझे बनाया है।
फिर उसने देखो तुम को
मेरे से मिलाया है।।


मोहब्बत जिंदा रहेगी
तुम्हारी और मेरे अब।
क्योंकि रब ने जो तुझे
बनाया सिर्फ मेरे लिए।
इसलिए तो तुम हमेशा
मेरे दिल में रहती हो।
और बेपनहा मोहब्बत
तुम हमसे करती हो।।


लुट गया मेरा सब कुछ
इसका मुझे गम नहीं।
पर खुशी इस बात की है
की बदले में तुम्हें पाया है।
और अपनी मोहब्बत को
अपनी संग में पाया है।
तभी तो हकीकत को
दिल से अपनाया है।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना"
मुंबई
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