जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जानकी नवमी धूमधाम से मनाई गई
औरंगाबाद से दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर |
जिला मुख्यालय स्थित सत्येंद्र नगर मोहल्ले में सिन्हा कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह के आवास पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, औरंगाबाद के तत्वाधान में जानकी नवमी धूमधाम से मनाई गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सिन्हा कॉलेज के भूगोल विभाग के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर रामाधार सिंह ने किया जबकि संचालन मीडिया प्रभारी सुरेश जम्होरिया ने किया।
सर्वप्रथम माता जानकी एवं राम दरबार की तस्वीर पर उपस्थित लोगों ने पंचोपचार विधि से पूजन अर्चन किया एवं माता जानकी के जीवन वृत्त,उनके त्याग- तपस्या को याद करते हुए संबोधन के क्रम में डॉ शिवपूजन सिंह ने कहा कि माता जानकी का पूरा जीवन ही आदर्श को प्रस्तुत करता है। वही शिव शिष्य पुरुषोत्तम पाठक, नारायण मिश्र ,उज्जवल रंजन, मुरलीधर पांडेय, सिंहेश सिंह,अलख सिंह ने कहा कि माता जानकी ने जो त्याग पूर्ण जीवन व्यतीत किया है वह पूरे समाज के लिए आदर्श है।
समकालीन जवाबदेही पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने उनके जीवन वृत्त पर चर्चा करते हुए कहा कि माता जानकी भूमि से जन्मी और उन्होंने पूरे भूमंडल में अपने कीर्ति पताका के माध्यम से युगो-युगो में नारियों के लिए आदर्श बन गई।
जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने माता जानकी के संपूर्ण जीवन की विशद व्याख्या की और वर्तमान परिवेश से तुलनात्मक पहलुओं पर चर्चा की।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ रामाधार सिंह ने माता जानकी के जीवन वृत्त को पर्यावरण से जुड़ा हुआ बताया। अंत में सदस्यों ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया कि हर माह में प्रथम रविवार को जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन की बैठक आयोजित की जाएगी।
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