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प्यार से एक गजल गुन गुना दीजिए

प्यार से एक गजल गुन गुना दीजिए

एक जज्बात नाजुक जगा दीजिए

कब से बैठे अब तक इन्तजार में
आके प्यारी सी सूरत दिखा दीजिए.

ख्वाब जल कर धुआं ही धुआँ बन गया
आप बादल बन पानी बरसा दीजिए.

दिल है तन्हा जहाँ में मगर भीड़ हैं आप दिल की जहाँ में बसा लीजिए.
दर्द लेने की खता मैंने की ही नहीं
दर्द देने की थोड़ी खता कीजिये.

अनचला एक खोटा सिक्का हूँ मैं
आप फितरत से मुझकों चला लीजिए.

मतलबी की दुनियां में जब गुम हुये
हो कहाँ आप अ पनी पता दीजिए.

प्यार से एक गजल गुन गुना दीजिए एक जज्बात नाजुक जगा दीजिए.
लेखिका ् यशोदा शर्मा ,आशियाना नगर. पटना 25
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