साहित्य समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी होना चाहिए -राज्यपाल
पटना, 06 मई, 2023:- महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पटना में बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के 42वें महाधिवेशन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि साहित्य समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी होना चाहिए तथा उसमें मनोरंजन के साथ-साथ प्रबोधन का भी समावेश होना चाहिए।
उन्होंने लेखन की निरंतरता पर जोर देते हुए कहा कि नये लेखकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। नये साहित्य के सृजन के लिए यह आवश्यक है।
उन्होंने पाठक एवं लेखक के संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि लेखन स्वांतः सुखाय नहीं होना चाहिए। जब पाठक पुस्तक पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया और मंतव्य देते हैं तभी पुस्तक के लेखन की सार्थकता सिद्ध होती है और इससे लेखक को भी संतुष्टि मिलती है।
राज्यपाल ने पाठकों की कमी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि आजकल हमारे बच्चे मोबाईल इत्यादि के कारण साहित्यिक पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने पुस्तकों के अध्ययन की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि हमें इसकी आदत डालनी चाहिए तथा बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। बच्चांे में पाठ््यक्रम से बाहर की भी पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।
उन्हें बताना चाहिए कि पुस्तकें हमारे मित्र और मार्गदर्शक हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हिन्दी हमारे राष्ट्र की भाषा है और हमारे सामूहिक प्रयास से यह समृद्ध होगी तथा पूरे भारत में बोली जायेगी। इसके लिए हमें सक्रिय होकर कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर लेडी गवर्नर श्रीमती अनघा आर्लेकर, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डाॅ॰ अनिल सुलभ, पूर्व सांसद श्री रवीन्द्र किशोर सिन्हा एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
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